हेमंत शर्मा,इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर पुलिस ने तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने ऑपरेशन प्रहार के जरिए 151 किलो नकली ब्राउन शुगर मामले में 2 और आरोपी को गिरफ्तार किया है. इससे पहले 4 आरोपी को पकड़ा था. इस तरह अभी तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. नकली ब्राउन शुगर जहरीली है. ये ज्यादा खतरनाक है. पुलिस कमिश्नर ने टीमों का गठन कर अलग-अलग राज्य में छापामार कार्रवाई के लिए इंदौर से पुलिस टीम की रवाना किया है. अल्फा जोलम टेबलेट सप्लाई करने वाले मेडिकल संचालकों का भी पुलिस पता लगाने में जुटी हुई है. मेडिकल संचालक की भूमिका सामने आने पर मेडिकल लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा. मामला चंदन नगर थाना क्षेत्र का है.
इंदौर पुलिस ने 15 करोड़ 18 लाख रुपए कीमत की 1 क्विंटल 51 किलोग्राम का नशीला पदार्थ जब्त किया है. चंदन नगर पुलिस ने अवैध मादक पदार्थ अल्प्राज़ोलम पाउडर से बनी नकली ब्राउन शुगर बनाने वाले मास्टरमाइंड मोहम्मद आरिफ सहित आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मास्टरमाइण्ड आरोपी अजय जादोन और उसके साथियों के राष्ट्रीय स्तर पर तस्करी से तार जुड़े हुए हैं. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस कड़ाई से पूछताछ कर रही है.
पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें मोहम्मद आरिफ निवासी भवानी नगर सांवेर रोड बाणगंगा, अजय जादोन (43 वर्ष) निवासी 32 नार्थ गाडराखेडी मरीमाता इन्दौर, कोमल सिंह (48 वर्ष) निवासी नरवल सांवेर रोड इन्दौर और दिनेश राठौर (43 वर्ष) निवासी भवानी नगर सांवेर रोड बाणगंगा शामिल है. उक्त तीनों आरोपियों ने चेतक सेंटर स्थित तीनों ऑफिसों से 150.800 किलोग्राम अल्प्राजोलम से तैयार अवैध मादक पदार्थ नकली ब्राउन शुगर और 4 लाख रूपये नगद मिला है. एक नोट गिनने की मशीन, एक मिक्सर, बडे टब, प्लाष्टिक के ड्रम, मुंह पर लगाने के मास्क, इलेक्ट्रोनिक वेट मशीन, चम्मच, खुर्पा और छन्नी जब्त किया गया है.
आरोपी कोमल और अजय जादोन से पूछताछ पर उन्होंने बताया कि हम उक्त नशीला पदार्थ उत्तरप्रदेश के मुजफफर नगर से लाते हैं. इसमें पेरासिटामोल मिलाकर दुगना कर देते हैं. तीनों आफिसों के बारे में जानकारी ली, तो अजय ने बताया कि यह तीनों ऑफिस राघव के नाम से किराये पर हैं. राघव ही उक्त माल को अन्य जिलों में सप्लाय करता है जो अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है. आरोपी कोमल ने पूछताछ पर बताया कि मैं पहले मुजफफर नगर उत्तरप्रदेश में अन्य सरगना के साथ फेक्ट्री पर काम करता था, जहां उक्त नशीला पदार्थ बनाया जाता है, तो मैंने वहीं इसे बनाना सीखा था, वहीं से हमारे यहां माल सप्लाई होता है. जिसे हम दुगुना कर सप्लाई करते हैं.
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कोमल से मादक पदार्थ निर्माण के संबंधं में पूछा तो बताया कि हम रॉ मटेरियल से उक्त नशीला पदार्थ बनाते हैं. इसके लिए काफी लम्बी प्रोसेस है. इस पाउडर को हम एपीजेड कहते हैं, जो ब्राउन शुगर से भी ज्यादा नशीला और शरीर के लिये हानिकारक हो जाता है. यह काफी मंहगा पड़ता है. इसके लिये हम इसमें पेरासिटामोल का पाउडर मिला देते हैं. जिससे यह दुगना हो जाता है. जिसे ब्राउन शुगर के रूप में बाजार में विशेषकर मंदसौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर आदि और मध्यप्रदेश के बाहर महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब में सप्लाई करते हैं, जो वास्तव में अल्प्राजोलम पाउडर से बना नशीला पदार्थ होता है. जिसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत एक किलोग्राम की 1 करोड़ के लगभग होती है. हम उसे करीब 10-12 लाख रूपये में मार्केट में सप्लाई करते हैं. पूरा मैनेजमेंट राघव देखता है. राघव ने पॉट्री फिड का लायसेंस ले रखा है. जिसकी आड में उक्त मादक पदार्थ का व्यवसाय करते हैं.
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