नई दिल्ली। दिल्ली में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार ने किसानों के लिए एमएसपी पर गेहूं खरीद के लिए नरेला और नजफगढ़ कृषि मंडी में FCI के खरीदारी काउंटर खोलने के निर्देश दिए हैं. आज एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस- Minimum Support Price) के आधार पर गेहूं की खरीद को लेकर दिल्ली सचिवालय में एफसीआई, कृषि विभाग और मंडी और अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय संयुक्त बैठक हुई.
कृषि विभाग और मंडी के अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय संयुक्त बैठक
दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय ने बताया कि खरीदारी काउंटर पर मंडी विभाग, कृषि विभाग एफसीआई और राजस्व विभाग के अधिकारी किसानों की सहायता के लिए रहेंगे. मंडी में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक किसानों का पंजीकरण किया जाएगा और वहीं से किसानों को कूपन दिया जाएगा. इस प्रक्रिया से किसानों की भागदौड़ तो बचेगी ही, साथ ही उन्हें अलग-अलग काउंटर्स पर चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे. मंडी में पंजीकरण की प्रक्रिया के लिए किसानों को गिरदावरी लाने की जरूरत होगी. यदि किसी किसान के पास गिरदावरी न हो तो, वह आधार कार्ड, खसरा- खतौनी की कॉपी और बैंक पासबुक के जरिए भी पंजीकरण करा सकता है. पंजीकरण प्रक्रिया के बाद किसानों को कूपन दिया जाएगा, ताकि कूपन में दिए गए समय के अनुसार वे अपना अनाज बेचने आ सकें.
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गांव के विकास से संबंधित कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान
कृषि मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, दिल्ली के गांवों के विकास के लिए इस साल 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. ग्राम विकास बोर्ड द्वारा 826 स्कीमों को मंजूरी मिल चुकी है. इसके तहत दिल्ली के सभी गांवों में सड़कों, नालियों, जल निकाय, सामुदायिक केंद्र, पार्क, श्मशान से जुड़े विकास कार्य किए जाएंगे, साथ ही विभाग को आदेश दिया गया है कि वे 826 विकास कार्य से संबंधित कार्यों के सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच 6 मई तक पूरा कर लें और इसकी डिटेल रिपोर्ट मंत्रालय में प्रस्तुत करें.
ग्राम विकास बोर्ड ने गांव के विकास के लिए 826 स्कीम को दी मंजूरी
दिल्ली के गांव से संबंधित विकास कार्य में तेजी लाने के लिए दिल्ली विलेज डेवलपमेंट स्पेशल कैंप 11 और 12 मई को दिल्ली सचिवालय में लगाया जाएगा. इसमें सभी संबंधित विभाग जैसे दिल्ली ग्राम विकास बोर्ड, एमसीडी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, राजस्व विभाग, दिल्ली जल बोर्ड और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल होंगे, साथ ही उन्होंने बताया कि 2021-22 में गांवों के विकास से संबंधित 105 कामों का टेंडर हो चुका है.
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