नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने ‘रोजगार बजट’ को धरातल पर उतारने के लिए कमर कस ली है. इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के ‘रोजगार बजट’ में हमने अगले 5 साल में 20 लाख रोजगार तैयार करने का लक्ष्य रखा है. ऐसा काम देश में पहली बार हो रहा है. बैठक कर सभी विभागों के लक्ष्य और टाइम लाइन निर्धारित किए गए. मुझे विश्वास है कि हम अपना लक्ष्य ज़रूर पूरा करेंगे. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार का ही है. जिस तरह आज पूरा देश शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-पानी को लेकर दिल्ली की तरफ देख रहा है, ठीक ऐसे ही हम रोजगार का समाधान भी देंगे.

‘रोजगार बजट’ की प्रगति की समीक्षा

वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सभी विभाग प्रमुखों को टाइम लाइन के अंदर अपने विभाग में तेजी से फाइल की प्रोसेसिंग और निर्णय लेना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. 
दिल्ली सचिवालय में ‘रोजगार बजट’ को लेकर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सभी संबंधित अधिकारी अपनी प्रगति रिपोर्ट के साथ शामिल हुए और जिन क्षेत्रों में रोजगार पैदा किए जा सकते हैं, उनके बारे में विस्तार से अवगत कराया. अभी 15 दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में ‘रोजगार बजट’ पेश कर युवाओं को अगले 5 साल में 20 लाख रोजगार देने का खाका प्रस्तुत किया था और सीएम अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा बैठक कर युवाओं को नई नौकरियां देने पर जोर दिया. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने ‘रोजगार बजट’ में की गई घोषणाओं को हकीकत में तब्दील करने को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों को साथ मिलकर पूरी गंभीरता और समय सीमा के अंदर काम करने के निर्देश दिए. समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, मुख्य सचिव समेत संबंधित विभागों वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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हमने दिल्ली में बड़ी-बड़ी चीजें करके दिखाई है, हम सब मिलकर रोजगार का भी समाधान निकालेंगे- अरविंद केजरीवाल

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बार हमने ‘रोजगार बजट’ में अगले 5 साल में 20 लाख नई नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा है. इस संबंध में इतना विशिष्ट डिटेल प्रजेंट किया गया है कि यह अपने आप में बजट बनाने के अभ्यास में पूरी तरह से एक नया प्रयोग है. अभी तक किसी भी सरकार ने बजट बनाने को लेकर इस तरह का प्रयास नहीं किया है. हमारा यह ‘रोजगार बजट’ नया है और चुनौतीपूर्ण भी है. अगर हम सभी लोग मिलकर इसे करेंगे, तो लक्ष्य को हासिल कर लेंगे. उन्होंने कहा कि लोगों के पास रोजगार नहीं है, इसलिए हमें अपने लक्ष्य को टाइम लाइन के अंदर पूरा करना है. अगर किसी के सामने कोई समस्या आ रही है, तो उसके लिए अगली समीक्षा बैठक का इंतजार न करें, बल्कि उसके समाधान के लिए मुख्य सचिव, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत संबंधित मंत्री से संपर्क करें और उसका समाधान निकालें. मुझे पूरी उम्मीद है कि हम सब मिलकर इस लक्ष्य को समय से सफलतापूर्वक हासिल कर लेंगे.

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दिल्ली में 5 साल में 12 फीसदी रोजगार बढ़ाने का है लक्ष्य

दिल्ली की 2 करोड़ से अधिक आबादी में से एक करोड़ 68 लाख लोग ऐसे हैं, जो नौकरी लेने के लिए सक्षम हैं. इन 1.68 करोड़ लोगों में से मौजूदा समय में केवल एक तिहाई लोग ही हैं, जिनके पास नौकरी है. नौकरी लेने के लिए कुल समक्ष लोगों में 33 फीसदी के पास नौकरी है. दिल्ली सरकार अगले 5 साल में इस आंकड़े को बढ़ाकर 45 फीसदी तक लेकर जाना चाहती है. यानी अगले 5 साल में इसमें करीब 12 फीसदी तक की वृद्धि की जाएगी. इसका मतलब यह है कि मौजूदा समय में दिल्ली में 56 लाख लोगों के पास नौकरी है, इसे 76 लाख तक लेकर जाना है.

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5 साल में 20 लाख नौकरियां पैदा करने के लिए कई सेक्टरों की हुई पहचान

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में अगले 5 साल में 20 लाख नए रोजगार पैदा करने के लिए विस्तृत रूपरोखा तैयार की है. इसके लिए कई सेक्टर चिन्हित किए गए हैं. इन में रिटेल सेक्टर, फूड एंड वेबरीज सेक्टर, लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन, ट्रैवेल एंड टूरिज्म, इंटरटेनमेंट, कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट, ग्रीन एनर्जी सेक्टर शामिल हैं. सरकार की तरफ से हर एक सेक्टर की बहुत ही विस्तार से प्लानिंग की गई है. मसलन, दिल्ली के प्रसिद्ध और पारंपरिक 5 मार्केट चिन्हित किए गए हैं. इन मार्केट को पूरा पुनर्विकसित किया जाएगा, जिससे वहां बड़े स्तर पर कारोबार बढ़ेगा. इसके अलावा, दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल लगाया जाएगा. जिसमें पूरे देश और दुनियाभर से टूरिस्ट दिल्ली आएंगे. इससे दिल्ली की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी. हर साल दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल भी होगा. इससे भी अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और बड़े स्तर पर रोजगार पैदा होंगे. दिल्ली को पहले की तरह फिर से होलसेल मार्केट बनाया जाएगा और दिल्ली होलसेल फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा.