पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद. प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट बदली है. शुक्रवार से राज्य के कुछ हिस्सों में तेज आंधी और बारिश जैसे हालात हैं. बिगड़े हुए मौसम का प्रभाव गरियाबंद में देखने को मिला. शनिवार दोपहर 3 बजे से अमलीपदर इलाके में तेज आंधी के साथ झमाझम बारिश हुई.

करीब 4 घंटे तक बारिश की रफ्तार वैसी ही रही. वहीं देर शाम तक बूंदाबांदी जारी ही थी. तेज अंधी ने इलाके में जमकर कोहराम मचाया है. घनघोर बारिश के बाद कुछ जगहों पर बिजली के खंभे गिरने और तार टूटने से विद्युत सेवा ठप्प हो गई है. इंदागांव से लेकर देवभोग तक 200 से ज्यादा गांवों में ब्लैक आउट हो गया है. रविवार दोपहर तक सेवा बहाल होने की संभावना जताई जा रही है.

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मकान हुए धराशाई

तेज हवाओं के थपेड़ो से खेतों में लगे सोलर पैनल और सरकारी योजनाओं के तहत लगी पानी की कई टंकी धराशाही हो गई. कुछ कच्चे मकान और झोपड़ियां भी धराशाई हो गई.
महुआ का पेड़ चौपट

बैमौसम हुई बारिश से सबसे ज्यादा नुकासान महुए के पेड़ को हुआ है. महुआ का सबसे ज्यादा पेड़ अमलीपदर इलाके में है. अप्रैल महीने तक 20 से 30 लाख रुपये के महुआ का संग्रहण ग्रामीण आसानी से कर लेते. लेकिन अचानक हुई बारिश से सारे पेड़ चौपट हो गए हैं. महुआ फूल टपकाने वाली कुचिया टूट कर गिर गई है. ऐसे में अब इस सीजन में महुआ फूलना संभव नहीं है.

बता दें कि प्रदेश के कई इलाकों में मौसम का रुख बदला है. शुक्रवार को भी बालोद, जशपुर और कोंडागांव में कई जगह बारिश हुई है. कई हिस्सों में तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ मूसलाधार बरसात हुई.