हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर में पिछले दिनों 150 किलो सिंथेटिक ड्रग्स ज़ब्ती मामले में इंदौर पुलिस ने यूपी के मुजफ्फरपुर में गैंग के सरगना अंकुर जाट के ठिकानों और फैक्टरी पर छापा मार कार्रवाई की है। आरोपियों की निशानदेही पर इंदौर पुलिस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर पहुंची। जहाँ यूपी पुलिस के साथ मिलकर राजू चौरसिया और अंकुर जाट की फैक्ट्री पर छापे मार कारवाई की। यहां से बड़ी मात्रा में सिंथेटिक ड्रग भी बरामद हुआ। हालांकि दोनों ही आरोपी फरार हैं। एमपी के अलावा यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली समेत देशभर में फैला हुआ है।
पुलिस कार्रवाई में इंदौर से पकड़े गए आरोपियों के नाम मोहम्मद आरिफ, कार्तिक बघेल, दिनेश राठौर, कोमल सहरिया और अजय जादौन है। पुलिस ने इनके ठिकानों से ड्रग से भरे ड्रम, बोरे, नोट गिनने की मशीन, मिक्सर और चार लाख रुपये कैश बरामद किए थे। डीलर का नाम राघव है, जो पोल्ट्री फीड का लाइसेंस लेकर चेतक सेंटर में तीन फ्लैट किराए से लेकर विभिन्न शहरों में ड्रग की सप्लाई करता था।
पशु आहार की आड़ में पूरे देश में ड्रग्स की करता था सप्लाई
नशे का मकड़जाल जानकारी के मुताबिक तस्कर शहर के सबसे व्यस्त बाजार से ड्रग की सप्लाई करते थे। इस गिरोह के तार मंदसौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब तक सप्लाई स्वीकारी है। सरगना मुजफ्फरपुर का अंकुर जाट है, जो दुबई से नशीला पदार्थ खरीद कर पशु आहार की आड़ में पूरे देश में ड्रग्स की सप्लाई करता था।
आठवीं पास आरोपी केमिकल बनाने में मास्टरमाइंड
यह ड्रग मेथ, एलएसडी, म्याऊं-म्याऊं और एमडीएमए से ज्यादा नशीली और खतरनाक है। पुलिस को आरोपी कोमल ने पूछताछ में बताया कि वह आठवीं पास है और यूपी की एक फैक्ट्री में काम करता था। यहां उसने केमिकल से ड्रग्स बनाना सिखा था। चंदन नगर पुलिस आरोपी को मुजफ्फरनगर लेकर पहुंची थी। जहां यूपी पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर फैक्ट्री के ताले तोड़कर सर्चिंग की गई तो, बड़ी मात्रा में केमिकल पाउडर मिला, जिससे ड्रग्स बनाने का काम किया जाता था। नशे के खिलाफ यूपी पुलिस भी इन आरोपियों को लेकर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, पिछले दिनों चन्दन नगर इलाके में पुलिस की बड़ी कारवाई के तहत करीब 150 किलोग्राम सिंथेटिक फॉर्मास्यूटिकल ड्रग के साथ पांच तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस ड्रग्स की कीमत 15 करोड़ 18 लाख रूपए बताई जा रही है। इस सिंथेटिक ड्रग को पेरासिटामोल और अल्प्राजोलम पाउडर और एनी केमिकल मिलाकर तैयार किया जाता था।
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