नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की तरह तेलंगाना सरकार की भी अरवा और उसना चावल के मुद्दे पर केंद्र सरकार से तकरार हो गई है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्य से आए सैकड़ों आंदोलनरत किसानों को तेलंगाना भवन पर सोमवार को धरना-प्रदर्शन में धान खरीदी के लिए एक राष्ट्रीय नीति की मांग लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद फैसला लेने की बाद कही है.

टीआरएस के सुप्रीमो के. चंद्रशेखर राव ने सभा में मौजूद किसानों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश देते हुए कहा कि पार्टी के सभी विधायक व किसान इतनी कड़ी धूप में क्यों आए, उनकी क्या मजबूरी थी. क्या धान उगाना पाप था? नरेन्द्र मोदी आप किसानों के साथ अन्याय न करें. भारत में जहां भी कष्ट पाकर किसानों की आह निकले, वहां की सरकार जरूर सत्ता से बाहर निकल गई. कोई भी सत्ता स्थायी नहीं होती. उन्होंने कहा कि इस देश के किसान भिखारी नहीं हैं. तेलंगाना के किसानों की मांग है कि आप एग्रीकल्चर पॉलिसी बनाइए. हम भी इसमें अपना योगदान देंगे.

इस मौके पर मौजूद तेलंगाना की मौजूदा एमएलसी और पूर्व सांसद के. कविथा ने कहा कि जब तक तेलंगाना के किसानों से उसकी फसल के एक-एक दाने की खरीद नहीं होगी तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे. हमारा सड़क से संसद तक संघर्ष जारी रहेगा.

किसान नेता राकेश टिकैत ने टीआरएस के महाधरना को संबोधित करते हुए कहा कि एक राज्य का मुख्यमंत्री पूरी कैबिनेट के साथ दिल्ली में धरना दे और वह भी फसल खरीद के लिए, इससे शर्मनाक बात केंद्र सरकार के लिए और क्या हो सकती है. जब दिल्ली में चारों ओर किसान धरने पर बैठे तब भी केंद्र सरकार ने किसानों से सौतेला व्यवहार किया. उन्हें खालिस्तानी, पाकिस्तानी, गुंडा-मवाली न जाने क्या क्या कहा. हमें बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ी गई. किसानों ने हक मांगा तो उन पर मुकदमे लाद दिए गए. लेकिन हम झुके नहीं और तीन बिल वापसी के बाद ही किसान घर को लौटे.

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टिकैत ने कहा कि तेरह महीने दिल्ली में चले किसान आंदोलन का ही नतीजा है कि आज एक राज्य किसानों की मांग को लेकर दिल्ली में धरने पर बैठा है. इसके अलावा भी कोई राज्य किसानों के मुद्दे उठाएगा तो वह हर उस मंच पर जाकर किसानों की आवाज उठाएंगे. केन्द्र सरकार की संभावित बिजली नीति के तहत अगर किसानों के पास कई पशु हों तो कॉमर्शियल मीटर लगाना पड़ेगा. क्या इसी नीति से किसानों का भला होगा. उन्होंने कहा कि यही हालात रहे तो देश में बड़ा किसान आंदोलन होगा.

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