झारखंड देवघर में रोपवे हादसे में लोगों को बचाने का काम शुरू हो गया है. इसमें अब तक 41 लोगों को बचाया जा चुका है. करीब 42 घंटे बाद भी 5 लोग हवा में लटकी ट्रॉलियों में फंसे हुए हैं. लोगों के बचाव कार्य में सेना के हेलीकॉप्टर अभी भी लगे हुए हैं. हादसे में अब तक 3 लोगों ने अपनी जान गवाया हैं.
खबर है कि झारखंड के देवघर में रोपवे में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन रात में अंधेरे के कारण रोक दिया था. सुबह फिर से बचाव कार्य शुरु कर दिया गया. बचाव दल के मुताबिक, दो ट्रॉलियों के सटे होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. आज सुबह से 10 लोगों की जान बचाई जा चुकी है. बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक व्यक्ति की हेलीकॉप्टर से गिरने के कारण मौत हो गई है.
दहशत की स्थिति में 36 घंटे से भी ज्यादा समय तक जीवित रहना लोगों के लिए आसान नहीं था. जिन लोगों को हेलिकॉप्टर से बचाया गया, उनसे संपर्क नहीं किया जा सका. हालांकि वर्टिकल लैंडिंग के जरिए बचाए गए लोगों ने अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि उनका कलेजा उनके मुंह में आ गया था और उन्हें लग रहा था कि वे ज़िंदा नहीं बचेंगे.
सूरज ढलने के बाद, पूरा त्रिकूट सर्किट अंधेरे में ढूब जाता है. जीवन कठिन हो जाता है. ऐसे में केबल कार में फंसे लोगों ने अपनी रात कैसे बिताई होगी इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता. उन्हें ड्रोन के जरिए पानी और खाना तो मिल जाएगा, लेकिन अपनी दैनिक क्रियाएं पूरी किए बिना, 24 घंटे भी बिता लेना उनके लिए किसी सजा से कम नहीं था.
क्या हो सकता है हादसे का कारण
पुलिस प्रशासन के मुताबिक पहली नजर में तकनीकी खामी की वजह से हादसा होने का संदेह है. रोपवे का संचालन एक निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा था. देवघर में रोपवे हादसा होने के बाद से लोग फरार हो गए हैं. वहीं, कंपनी को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट करके कहा, ‘तड़के सुबह से जारी त्रिकुट ऑपरेशन में अब तक 10 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमे बहनें और छोटे बच्चे भी हैं. अगले कुछ घंटों में हम सभी को सुरक्षित निकालने में सफल होंगे.’
कब हुआ था हादसा
रविवार को रामनवमी पर पर पूजा करने और घूमने के लिए सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचे थे, तभी त्रीकुट पहाड़ से रोपवे की एक ट्रॉली नीचे आ रही थी, वो ऊपर जा रही ट्रॉली से टकरा गई. इस हादसे में ट्रॉली में सवार लोग घायल हो गए. जब यह हादसा हुआ, उस वक्त करीब दो दर्जन ट्रॉली हवा में थी. इसके बाद रोप-वे पर लोड बढ़ गया और एक रोलर टूट कर गिर गया. इसके बाद तीन ट्रालियां पहाड़ से टकरा गईं. इनमें से दो ट्रालयां नीचे जा गिरीं.
ड्रोन से पहुंचाया जा रहा खाना
हांलांकि अभी भी कुछ लोग रोप-वे पर फंसे हैं. उन्हें बचाने की जद्दोजहद की जा रही है. जो लोग रोप-वे पर फंसे हैं, उनको ड्रोन से खाना पहुंचाया गया है. रोप-वे की ट्रॉलियां जमीन से करीब 2500 फीट की ऊंचाई पर हैं.
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