रायपुर. राजधानी के सरकारी अस्पतालों में इन दिनों OPD बंद है. जिसका खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. रोजाना हजारों मरीजों को सरकारी हॉस्पिटल चाहे वो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हो, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इन सभी अस्पतालों में OPD बंद होने से मरीज परेशान हैं. इसकी वजह है स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल. ऐसे में या तो मरीज हड़ताल खत्म होने का इंतजार करेगा या फिर अपने घर के सामान बेचकर प्राइवेट हॉस्पिटल की ओर रुख करेगा. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है? हड़ताल कर रहे स्वास्थ्यकर्मी या फिर सरकार जिसको एक महीने पहले इस हड़ताल का नोटिस दिया गया था?

लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने पंडरी जिला अस्पताल का जायजा लेते हुए भटकते मरीज और हॉस्पिटल अधीक्षक से बातचीत की. अभनपुर से जिला अस्पताल इलाज कराने पहुंची मीरा साहू ने कहा कि वे सुबह से भटक रही हैं. कोई कुछ नहीं बता रहे. जो दो चार लोग अस्पताल में दिख रहे हैं उनका कहना है कि हड़ताल के चलते इलाज नहीं होगा. अब ऐस स्थिति में हम कहां जाएं? मामले में लल्लूराम डॉट कॉम के हस्तक्षेप के बाद हॉस्पिटल अधीक्षक ने एमरजेंसी में जांच करवाई.

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भटक रहे मरीज

नेहरु नगर से पहुंचे काशी यादव और स्वराज ने बताया कि हमें रूटीन में इंजेक्शन लगवाना होता है और पिछले दो दिनों से इंजेक्शन लगवाने के लिए भटक रहे हैं. आज फिर सुबह से आए हैं लेकिन अब तक इंजेक्शन नहीं लगा है.

जितना हो सके इमरजेंसी सेवा दे रहे हैं- अधीक्षक

हॉस्पिटल अधीक्षक पीके गुप्ता ने कहा कि डॉक्टर बैठे हैं लेकिन नर्स, वॉर्ड बॉय, लैब टैक्नीशियन और अन्य कर्मचारी है ही नहीं, सभी हड़ताल पर हैं. तो काम कैसे होगा. जितना हो सकता है हम इमरजेंसी में सेवा दे रहे हैं. OPD बंद है. हड़ताल के पहले की बात करें तो रोजाना 300-400 मरीजों की OPD यहां होती है.