रायपुर. संघर्ष मोर्चा और छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के सभी अधिकारी-कर्मचारी 11 से 13 अप्रैल तक धरने पर बैठे हैं. इस तीन दिवसीय हड़ताल का आज दूसरा दिन है. ये आंदोलन छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले किया जा रहा है. प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने तीन दिन के लिए तत्काल का बहिष्कार किया है. चिकित्सक, स्टाफ नर्स, नेत्र सहायक अधिकारी, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों ने भी कार्य बहिष्कार किया है. दाऊद कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने भी कार्य का बहिष्कार किया है.

बता दें कि जिले के सारे शासकीय कार्यालयों में ताले बंदी जैसा माहौल है. इनकी मांग है कि इन्हें भी केन्द्र की तरह 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के मुताबिक गृहभाड़ा भत्ता दिया जाए. इसके अलावा ये संगठन छत्तीसगढ़ सरकार से बकाया 17 प्रतिशत मंहगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता की मांग कर रहा है.

केंद्रीय कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. जबकि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को उससे आधा 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. इसे लेकर कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी है. पिछले 28 महीने से लगातार कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोका जा रहा है. संघर्ष मोर्चा का कहना है कि केंद्र सरकार के जितना महंगाई भत्ता दिए जाने का नियम राज्यों में है. लेकिन इसके बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार उससे आधा केवल 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है.

अन्य राज्य दे रहे 34 प्रतिशत भत्ता

संगठन का कहना है कि राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार सहित देश के कई राज्य 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता अपने राज्य के कर्मचारियों को दे रहे हैं. सभी आवश्यक सामानों के दाम आसमान छूने के कारण अधिकारी-कर्मचारियों के घर का बजट बिगड़ चुका है. इसलिए अब कोई भी अधिकारी-कर्मचारी हर महीने हजारों रुपये का नुकसान उठाने को तैयार नहीं है.

इस तरह 28 सूत्री मांगों को लेकर तीन दिनों के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने आकस्मिक छुट्टी लेते हुए कार्य का बहिष्कार कर सिर्फ आम इमरजेंसी सेवा दे रहे हैं. बांकी सभी सेवा बाधित है, आज दूसरा दिन है ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिन मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा उनके लिए जिम्मेदार कौन है, शासन के योजनाएं दम तोड़ रही है क्योंकि गरीब परिवार प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने को मजबूर हो रहे हैं.

छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष OP शर्मा ने बताया कि तीन दिन के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर आकस्मिक अवकाश लिए इमरजेंसी सेवा को छोड़क़र, सभी सेवा बंद कर दिया है. 26 सूत्री मांग को लेकर कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है. वेतन विसंगति, नियमितीकरण, 10% वेतन में प्रतिसाल बढ़ोतरी, महंगाई भत्ता, लंबित 17% DA का लाभ, 13 माह वेतन देने की माँग है. एम्बुलेंस सेवा भी बंद, ड्राइवर भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं.