सुप्रिया पांडेय, रायपुर। पेट्रोल-डीजल समेत अन्य वस्तुओं की महंगाई से जूझती छत्तीसगढ़ की जनता को एक और झटका लगा है. छत्तीसगढ़ में बिजली की दरें बढ़ा दी गयी हैं. छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई बढ़ी हुई दरों का ऐलान किया है. इसी को लेकर अब प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है.

इसी कड़ी में बिजली के दाम को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ने सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि आम जनता को बार-बार बिजली का झटका लग रहा है, जिसकी वजह से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार परेशान है. साथ ही रमन सिंह ने कहा कि पूरा पैसा केंद्र सरकार ही तो दे रही हैं, इनके पास पैसा ही कहां है.

बिजली बिल के दामों में बढ़ोतरी को सांसद सुनील सोनी ने लेकर कहा कि साढ़े 3 साल में दो बार बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है. बीजेपी ने 15 साल में सिर्फ एक बार बिजली बिल बढ़ाया था, इन्होंने बिजली बिल हाफ करने का वादा किया था, लेकिन बिजली के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. ग्रामीण इलाको में बिजली की कटौती भी हो रही.

जानें कितना बढ़ा दाम ?
छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक 10 पैसा प्रति यूनिट घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल बढ़ा, 15 पैसे प्रति यूनिट अन्य उपभोक्ताओं का बिल बढ़ाया गया, 220kV और 132kV के उच्च दाब स्टील उद्योगों के दरों में 5 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी की गई.

HV-5 श्रेणी के अंतर्गत आने वाले पोहा और मुरमुरा मिल को वर्तमान टैरिफ में 5 प्रतिशत की छूट, HV-3 के अंतर्गत टेक्सटाइल उद्योग के साथ पॉवरलूम, हैण्डलूम, जूट इंडस्ट्री और इथेनॉल उद्योग को ऊर्जा प्रभार में 25 प्रतिशत की छूट दिए जाने का प्रावधान है.

निम्नदाब और उच्च दाब श्रेणियों में वर्तमान में लागू बिलिंग डिमाण्ड को 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया गया. गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत छूट जारी रहेगी.

बहरहाल पिछले करीब 15 दिन से लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बीच अब बिजली बिल भी बढ़ाए जाने से आम जनता को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.