चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री ने 23 किसान संगठनों के साथ बैठक की, जिसमें कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई. हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मीटिंग में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं को नहीं बुलाया. इनमें सबसे बड़ा नाम बलबीर सिंह राजेवाल का है. वहीं, कुल 22 संगठनों ने चुनाव में उनकी हिमायत की थी, हालांकि वे एक भी सीट नहीं जीत सके. राजेवाल को समराला सीट से हार का सामना करना पड़ा. इधर बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा कि उन्होंने 500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं की उपज में कमी को लेकर मुआवजे की मांग की है और मुख्यमंत्री ने कहा है कि मुआवजा जरूर देंगे, पर कितना इसके लिए मूल्यांकन किया जाएगा.
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मूंगी, मक्की और बासमती को भी MSP पर खरीदने की मांग
किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा कि इसके अलावा फसल विविधीकरण को लेकर भी उनकी बात सीएम भगवंत मान से हुई है, ताकि धान की खेती कम की जाए और भूमि जल पर निर्भरता घटाई जाए. उन्होंने कहा कि कई प्रस्ताव पर मीटिंग हुई और दोबारा मीटिंग होगी, ताकि इन सुझावों को अमलीजामा पहनाया जाए. मूंगी, मक्की और बासमती को राज्य सरकार एमएसपी पर खरीदे, इस पर भी बात हुई, ताकि धान की खेती के बजाए किसान इन फसलों को अपनाएं और भगवंत मान सरकार ने इसके लिए हामी भी भरी है. इसके अलावा गन्ने के बकाया भुगतान का मुद्दा भी उठा है.
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16 किसान संगठनों ने राजेवाल की अगुवाई वाले संयुक्त समाज मोर्चा को छोड़ने का किया ऐलान
गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद 16 किसान संगठनों ने बलवीर सिंह राजेवाल की अगुवाई वाले संयुक्त समाज मोर्चा को छोड़ने का ऐलान किया है. इन किसान संगठनों का कहना है कि वो अब राजनीति में हिस्सा नहीं लेंगे और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून के लिए लड़ाई लड़ेंगे. किसान नेता ने कहा कि उन्होंने गेहूं की उपज में गिरावट के कारण किसानों के लिए बोनस का मुद्दा उठाया. मुख्यमंत्री से गेहूं पर 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस की मांग की गई.
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सीएम भगवंत मान ने किसान संगठनों का दिया आश्वासन
सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार वैकल्पिक फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के मुद्दे को केंद्र सरकार के सामने उठाएगी. उन्होंने बैठक में मौजूद 23 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से कृषि क्षेत्र को अलग-अलग समय में बिजली आपूर्ति किए जाने के मुद्दे पर जानकारी मांगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित कटौती धान की बुआई के मौसम में पीक लोड से बचने में मदद करेगी. इसके अलावा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन के नतीजों पर चिंता जताते हुए सीएम भगवंत मान ने कहा कि डीएसआर तकनीक से 15-20 फीसदी भूजल को बचाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस तकनीक से प्रति एकड़ 3000 रुपए लागत घट जाएगी.
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