लाहौर. पाकिस्तान में महिलाएं बेहद असुरक्षित रही हैं. खासकर उन इलाकों में जो अफगानिस्तान से मिले हुए हैं. तालिबान का खौफ उन इलाकों में इस कदर है कि लड़कियां घरों से बाहर तक नहीं निकलती. कमोबेश यही हाल पाकिस्तान के दूसरे इलाकों का भी है.
महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक और डरावने माहौल के बाद भी पाकिस्तान में कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो बेहद दिलेरी से न सिर्फ पाकिस्तान की आड़ी-तिरछी गलियों में आटो-रिक्शा चलाती हैं बल्कि वे पुरुषों को खुलेआम चुनौती दे रही हैं.
परवीन बीबी भी ऐसी ही दिलेर महिला हैं जो लाहौर की गलियों में बेधड़क दिन हो या रात आटो-रिक्शा चलाती हैं. परवीन के बारे में खास बात ये है कि वो पाकिस्तान की पहली महिला आटो-ड्राइवर हैं. इनकी जिंदगी बेहद रौमांचक है. पति के निधन के बाद परवीन के कंधों पर ही अपनी बेटी और तीन नातिनों की जिम्मेदारी आ पड़ी. ऐसे में उन्होंने अपने घर को चलाने के लिए पाकिस्तान की समाजसेवी जार असलम द्वारा चलाए जा रहे पिंक रिक्शा स्कीम के तहत आटो रिक्शा चलाने का आप्शन चुना.
आज लाहौर में आलम ये है कि लोग परवीन बीबी के हौसलों की न सिर्फ कद्र करते हैं बल्कि उनके आटो को हर कोई पहचानने लगा है. आज पाकिस्तान में महिला सशक्तीकरण के कुछ गिने-चुने नामों में परवीन बीबी का नाम लिया जाता है.