दिल्ली. विधायक और मुख्य सचिव के बीच हुए मारपीट के मामले की तह तक पहुंचने के बाद अब पुलिस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर पर दबिश दी है. पुलिस ने केजरीवाल के घर पर लगे सभी कैमरों को सीज कर लिया है. पुलिस ने अपनी इस कार्रवाई के दौरान मुख्यमंत्री निवास में लगे 21 सीसीटीवी कैमरे सीज किये हैं.
सूत्रों की मानें तो दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन के बयान के बाद शुक्रवार को जांच के सिलसिले में सीएम केजरीवाल के आवास पहुंची. दिल्ली पुलिस ने वहां लगे 21 कैमरों को सीज कर अपने कब्जे में ले लिया है.
पुलिस की मानें तो सीएम आवास में लगे कैमरों का टाइम 40 मिनट पीछे किया गया है. पुलिस ने यह भी कहा है कि जहां मुख्य सचिव से मारपीट हुई, वहां सीसीटीवी नहीं लगे थे और उन्हें सीसीटीवी फुटेज देने से भी मना किया गया. पुलिस की तरफ से कहा गया कि सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछताछ नहीं की गई. कई सीसीटीवी में रिकॉर्डिंग ही नहीं हुई है. दिल्ली पुलिस की टीम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पहुंचकर उनके स्टॉफ से पूछताछ की.
वीके जैन का कहना—मेरे सामने अंशु प्रकाश से मारपीट हुई
आपको बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में दिए अपने बयान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन ने कहा था कि ‘उनके सामने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट हुई थी’. बयान में उन्होंने कहा कि ‘जिस वक्त अंशु प्रकाश के साथ मारपीट हो रही थी, सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया वहीं मौजूद थे.’ वहीं आम आदमी पार्टी(AAP) ने वीके जैन के बयान पर कहा कि ‘पुलिस के दबाव में वीके जैन ने बयान बदला है.’
दोनों विधायक हैं 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर
दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने AAP विधायक प्रकाश जारवाल और अमानतुल्लाह खान को को इस मामले में गुरूवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था. अदालत ने साथ ही उनकी जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला शुक्रवार तक सुरक्षित रख लिया. अदालत ने बीते बुधवार को दोनों विधायकों को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में भेजने की मांग की थी.
मुख्य सचिव से कथित हाथापाई को अदालत ने‘‘बेहद संवेदनशील’’ मामला बताया था. मजिस्ट्रेट ने विधायकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ का दिल्ली पुलिस का अनुरोध ठुकरा दिया था और कहा था कि विधायक जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं और उनके पास से मामले से जुड़ी कोई चीज बरामद नहीं की जानी है जो पुलिस हिरासत का मूल उद्देश्य होता है.