पंकज सिंह भदौरिया.दंतेवाड़ा. जिले में भाजपा नेता अब गुंडागर्दी पर उतर आये हैं. यही वजह है कि भाजपा के पूर्व विधायक भीमा मंडावी पत्रकार से दुर्व्यवहार पर उतारू हो गये हैं. दअरसल बीते दिनों एक दैनिक समाचार पत्र में जिले के राजनैतिक हालातों से संबंधित एक खबर प्रकाशित की गयी थी. ये खबर पूर्व विधायक मंडावी को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होनें फोन में पत्रकार अभिषेक भदौरिया से दुर्व्यवहार किया.

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व दंतेवाड़ा में ‘भाजपा की अंदरूनी कलह आ रही सामने’ शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की गयी थी. इस खबर में दंतेवाड़ा भाजपा के राजनैतिक हालात उजागर किये थे. इस खबर के बाद पूर्व विधायक मंडावी ने फोन लगाकर अभिषेक को देख लेने की धमकी दे डाली. उन्होने कहा कि तुम क्या कांग्रेस के एजेंट बन गये हो जो इस तरह की खबरें प्रकाशित कर रहे हो. साथ ही उन्होने यहां तक कह डाला कि इस खबर के प्रकाशन के लिये कांग्रेस से तुमने कितनी राशि ली है. मंडावी ने कहा कि तुम जैसे पत्रकारों की पत्रकारिता को अच्छे से जानता हूं. तुम कितने दिन पत्रकारिता कर लोगे, मैं देख लेता हूं.

मंडावी के इस अप्रत्याशित बर्ताव के बाद पत्रकार अभिषेक मानसिक रूप से परेशान हैं. उन्होने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी एसपी और कलेक्टर को भी दी है. इस घटना के बाद भी भाजपा नेता उन्हें नुकसान पहुंचाने की जुगत में लग गये हैं. अभिषेक खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. इधर पूर्व विधायक भीमा मंडावी खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर अब पत्रकारों से दुव्र्यवहार करने लगे हैं. बताया जाता है कि बीते विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद वे उलूल जुलूल हरकतें करते रहते हैं.

ये कहा नेताओं ने…

इस बात की जानकारी मुझे आज ही मिली है. मंडावी ने एक पत्रकार के साथ एेसा व्यवहार कर गलती की है. पार्टी एेसे व्यवहार की अनुमति किसी को नहीं देता. एेसा बर्ताव उनका व्यक्तिगत आचरण हो सकता है. संगठन के जवाबदार व्यक्ति होने के नाते उनका ये बर्ताव निंदनीय है.
पिंटूराम उईके, जिला महामंत्री, भाजपा 

मुझे इसकी जानकारी नहीं है. अगर मंडावी ने एेसा किया है तो ये गलत है. पत्रकारों के साथ दुव्र्यवहार नहीं होना चाहिए. मैं इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद दुबारा चर्चा करूंगा.
अभिमन्यु सोनी, जिलाध्यक्ष, भाजपा

ये सीधे तौर पर प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है. भीमा मंडावी को तत्काल सार्वजनिक तौर पर आपसे माफी मांगनी चाहिए. अगर वे एेसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
अमित जोगी, विधायक मरवाही

 

अंदरूनी कलह शांत कराने के बजाय पत्रकारों से धमकी भरे लहजे में बात करना गलत है. पत्रकार स्वतंत्र हैं और निष्पक्ष खबरें प्रकाशित करते हैं. मंडावी का इस तरह किसी पत्रकार से बात करना निंदनीय है.
चैतराम अटामी, जिला पंचायत सदस्य