पुरुषोत्तम पत्र, गरियाबंद। जिले के किडनी प्रभावित गोहेकेला पहुंचे भाजपा सांसद चंदूलाल साहू ने अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पीड़ित लोग इलाज कराना नहीं चाहते, जबकि सरकार उनके इलाज की व्यवस्था कर रही है. उन्होंने कहा कि पीड़ित इलाज के लिए हिचकिचा रहे हैं, इसलिए सुपेबेडा और गोहेकेला के मरीज इलाज के लिए रायपुर नहीं जाना चाहते. जबकि आपको बता दें कि ग्रामीण शुरू से ही बेहतर इलाज की मांग करते आ रहे हैं और अब तक कई बार सरकार पर बेहतर इलाज नहीं कराने का आरोप लगा चुके हैं.

वही पुरंधर पुरैना, प्रेमकुमार सहित अन्य ग्रामीणों और पीड़ित मरीजों का कहना है कि वे लोग इलाज के लिए एक से ज्यादा बार मेकाहारा जा चुके हैं, लेकिन वहां सही इलाज नहीं होता. उनसे इलाज के नाम पर पैसे की मांग की जाती है. यहां तक कि वहां के डॉक्टर तक उनके साथ सौतेला व्यवहार करते हैं.

ऐसे में चंदूलाल साहू द्वारा इस तरह का अजीबोगरीब बयान देना कई सवाल खडे करता है. सबसे बडा सवाल तो ये उठता है कि क्या इस तरह के ब्यान देकर वे अपनी गलती छिपाना चाहते हैं और प्रदेश सरकार की नजरों में अपनी अहमियत फिर से बढ़ाना चाहते हैं. कुछ समय पहले प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को सुपेबेडा में बीमारी के कारणों का पता लगाने में अक्षम बताकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से टीम भेजकर जांच की मांग करने पर कम हो गई थी.

ऐसा करने से उस समय प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग सहित सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी. विपक्ष ने भी उनकी हां में हां मिलाते हुए सुपेबेड़ा मामले में प्रदेश सरकार पर अक्षम होने का आरोप लगाया था. शायद अपनी उसी गलती को सुधारने और प्रदेश सरकार को खुश करने के लिए इस बार चंदूलाल ने सरकार की वाहवाही करते हुए पीड़ितों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है.