रायपुर. कांग्रेस छोड़कर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व सांसद देवव्रत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उपेक्षा के चलते कांग्रेस छोड़ने वाले देवव्रत को लेकर अब छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस में विरोध शुरू हो गया है. देवव्रत के जनता कांग्रेस में शामिल होने के बाद अजीत जोगी ने देवव्रत सिंह को खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी घोषित किया है. जिसकी पुष्टि पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने की थी लेकिन अब इस विधानसभा के जोगी समर्थकों द्वारा देवव्रत को प्रत्याशी बनाये जाने का विरोध किया जा रहा है.

देवव्रत को जोगी कांग्रेस में प्रवेश के महज कुछ ही दिन हुए हैं और उन्हें क्षेत्र से विधानसभा की टिकट भी मिल जाने की बात कही जा रही है लेकिन अब टिकट की बात पर खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के लगभग 96 गांव के लोग एकजुट होकर देवव्रत के विरोध मे उतर आए हैं. उन्होंने अजीत जोगी से मिलकर देवव्रत को किसान विरोधी बताया है. जिसके बाद कांग्रेस का हाथ छोड़कर जोगी कांग्रेस का दामन थामने वाले खैरागढ़ के राजा देवव्रत सिंह के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है.

दरअसल खैरागढ़ इलाके के 96 गांव के करीब 700 लोग जोगी बंगले पहुंचे थे. जिसमें प्रेमलाल साहू, देवलाल, केदार रजक, हेमिल, सुभद्रा जंघेल सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि शामिल रहे. ये सभी लोग जोगी कांग्रेस के पक्ष में तख्ती लेकर जोगी बंगले पहुंचे थे. लेकिन इन ग्रामीणों की एक मांग चौंकाने वाली थी. ग्रामीणों का कहना था कि देवव्रत सिंह को टिकट न दी जाए. वे राजा हैं, इसलिए गरीबों व किसानों की सेवा नहीं कर सकते. इसके बजाय किसी किसान को ही टिकट दी जानी चाहिए. उनकी माने तो किसान ही किसान की सेवा कर सकता है.

बता दे कि खैरागढ़ इलाके में राज परिवार के अपने समर्थक हैं, लेकिन धीरे-धीरे जनाधार कम हुआ है. यही वजह है कि इस्तीफे के बाद देवव्रत सिंह की वापसी के लिए कांग्रेस की ओर से कोई कोशिश नहीं की गई. जोगी कांग्रेस में शामिल होने के बाद चर्चा थी कि वे ही चुनाव लड़ेंगे. इसके विपरीत अब क्षेत्र के लोग देवव्रत के विरोध में उतर आए हैं.

खैरागढ़ से आए सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रमीणों का कहना है कि क्षेत्र में काफी लंबे समय से कोई किसान वर्ग से जनप्रतिनिधि चुनकर नहीं आया. किसानों की समस्याओं को सुनने वाला कोई जनप्रतिनिधि क्षेत्र मे नही था. प्राकृतिक आपदा हो या चाहे अन्य कई कारण जिसका निराकण नहीं हो पा रहा है. जिससे किसान काफी चिंतित है. अब किसान वर्ग की सोच है कि अब उनका देखभाल कोई किसान नेता ही कर सकता है.

हालांकि अजीत जोगी ने सभी को आश्वस्त किया है साथ ही जोगी ने उनके बीच से जनप्रतिनिधि के रूप में नाम सौंपने को कहा है. जिसके बाद उम्मीद है कि जोगी से मिलने पहुंचे ये ग्रामीण जल्द ही जनप्रतिनिधियों की सूची के सा​थ जोगी से मिलेंगे.

अब जोगी कांग्रेस के अध्यक्ष अजीत जोगी की ओर सबकी नजर है. ऐसे समय में जब जोगी कांग्रेस में जीतने वाले प्रत्याशी की जरूरत है. वहां लोगों का विरोध देवव्रत सिंह के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है.

गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व सांसद देवव्रत सिंह ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का दामन थामा है. इस दौरान देवव्रत ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने की बात कही थी.