चंडीगढ़। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस बार के बजट में कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार का बजट टैक्स फ्री होगा और पहले से चल रहे टैक्स से ही पंजाब सरकार रेवेन्यू बढ़ाएगी. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस बार हमारे टैक्स की कलेक्शन अच्छी होगी. वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि पंजाब के लोगों ने पहली बार अपना बजट बनाने के लिए सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि 2 से 10 मई तक चले पोर्टल और ई-मेल के जरिए सरकार को 20 हजार से ज्यादा सुझाव मिले हैं. 500 से ज्यादा मेमोरंडम मिले हैं.
विपक्ष ने उठाया सवाल
इधर वित्त मंत्री के ऐलान पर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार 16 हजार करोड़ के आमदनी और खर्च के गैप को कैसे पूरा करेगी ? पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने एलान किया कि वर्ष 2022-23 के आम बजट में राज्य के लोगों पर कोई नया कर नहीं लगाया जाएगा. पंजाब का बजट जून के पहले हफ्ते में आएगा. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे में सुधार, सीएलयू के लिए बनाए नियमों को सरल बनाने, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, नौकरियां और किसानों की आमदनी बढ़ाने जैसे सुझाव लोगों ने दिए हैं.
20 हजार से अधिक सुझाव मिले
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पोर्टल के माध्यम से 2 से 10 मई तक सरकार को 20 हजार से अधिक सुझाव मिले हैं, जबकि 500 लोगों ने ज्ञापन भी भेजे हैं. 4055 महिलाओं ने बजट पर अपने सुझाव दिए हैं, जिसमें लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और समानता के अधिकार जैसे मुद्दे उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार दिल्ली मॉडल को लागू कर सकती है. बजट का मुख्य फोकस शिक्षा और स्वास्थ्य पर होगा. लुधियाना से 10.41% सुझाव मिले हैं. दूसरे नंबर पर पटियाला और तीसरे नंबर पर फाजिल्का है.
स्वास्थ्य से जुड़े कई सुझाव दिए गए
हरपाल चीमा ने कहा कि इंडस्ट्री ने अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिजनेस फ्रेंडली इन्वॉयर्नमेंट, इंस्पेक्टरी राज के खात्मा, सीएलयू लेने या इंडस्ट्री लगाने के लिए नियमों में ढील की मांग की गई है. महिलाओं ने अच्छी एजुकेशन, गर्ल चाइल्ड के लिए बेसिक एजुकेशन में सुधार की मांग की है. इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़े कई सुझाव दिए गए हैं. युवाओं ने हमें नौकरियों के अवसर, अच्छी एजुकेशन, ई-गवर्नेंस और लाइब्रेरी की मांग की है. किसानों ने इनकम में बढ़ोतरी, खेती में टेक्नोलॉजी, डायवर्सिफिकेशन की मांग की है. खेत मजदूरों ने रहने के लिए शहरों में मकान उपलब्ध करवाने की मांग की है.
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