हेमंत शर्मा, इंदौर। सनावद में बेटी को अगवा करने की रिपोर्ट लिखाने गए पिता, कार्रवाई नहीं होने से इस कदर दुखी हुआ कि उसने घर जाकर फांसी लगा ली। इससे उसकी मौत हो गई। आक्रोशित परिजन देररात फिर से पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस ने दुष्कर्म जैसे अपराध के आरोप में युवक के खिलाफ धारा 151 की खानापूर्ति कार्रवाई की थी।
जानकारी के अनुसार मंडलोई मोहल्ले में मानसिक रूप से अस्वस्थ लड़की को बुरी नीयत से अपराधी शिव घर पर बुला रहा था। जहां नाबालिग के परिजन ने देखकर युवक से घर बुलाने के सबंध में पूछा तो अपराधी ने कहा कि उसकी मां बुला रही है। बड़ी बहन को साथ भेजने पर देखा कि आरोपी युवक के घर में ताला लगा है। जिसके बाद उसकी मां को फोन लगाया तो मालूम हुआ कि वह तीन दिन से इंदौर में है। नाबालिग ने बताया कि इससे पहले भी युवक उसे दो-तीन बार घर ले गया। इस पर परिजन को शक हुआ कि उनकी बेटी के साथ कुछ गलत किया होगा। परिजन पुलिस थाने पहुंचे और कड़ी कार्यवाही की मांग की। थाने में युवक के खिलाफ महज खानापूर्ति वाली कार्यवाही कर उसे छोड़ दिया।
थाने से निकलकर फिर से लड़की के घर के सामने पहुंचा और गालीगलौज करने लगा। इसी से लड़की के पिता आहत हुए। घर पहुंचे परिजन एक कमरे में बैठकर आपस में बात कर रहे थे। इसी दौरान पिता जितेंद्र बनवाड़े (42) घर की ऊपरी मंजिल पर गया और फांसी लगा ली। पिता जितेंद्र की आत्महत्या की खबर के बाद पुलिस ने युवक को फिर से पकड़ लिया। वहीं इस मामले में मृतक की शवयात्रा के समय उसके परिवार वालों ने बयान देकर इस पुलिस की कार्यशैली पर आरोप लगाया है। मृतक के जीजा मनोहर मुंशी ने बताया कि मुझे गुरुवार दोपहर तीन बजे फोन पर बताया था कि घर के पास ही रहने वाले शिव पिता विजय सिह ने जितेंद्र की बेटी को झांसा देकर अपने घर ले गया और गंदी हरकत की है।
मैने उन्हें तत्काल थाने में रिपोर्ट लिखाने कहा था। वे थाने आये मगर उन्हें वापस भेज दिया। मैंने आनलाइन भोपाल शिकायत की तो भोपाल से कहा कि उन्हे दोबारा थाने भेजे। ये लोग दोबारा थाने गए फिर भी इनकी रिपोर्ट एसआई रजनी समादिया ने नहीं लिखी। जितेंद्र की आत्महत्या की खबर के बाद पुलिस जागी और आरोपी युवक को रात में ही उठा लिया। मृतक की पत्नी कविता से आवेदन लेकर शुक्रवार सुबह नौ बजे पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया। जिसमें मृतक जितेंद्र ने फांसी लगाई इसका जिक्र तक नहीं है।
विनोद दीक्षित, एसडीओपी बड़वाह ने बताया कि पुलिस द्वारा इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई थी। लेकिन उसके बाद भी अगर परिवार वाले किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायती आवेदन देते हैं तो उसकी जांच कराई जाएगी।
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