शिलोंग. बीजेपी माहौल बनाने वाली पार्टी है. त्रिपुरा और नागालैंड का चुनाव जीतकर बीजेपी उत्तर पूर्व में देश भर में विजय दिवस मना रही है. लेकिन बीजेपी आश्वस्त है कि वो मिजोरम में भी सरकार में शामिल हो जाएगी. इस बीच मेघालय विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर कांग्रेस ने राज्यपाल गंगा प्रसाद से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है.

दूसरी तरफ बीजेपी इकाई में सीटें जीतकर भी सरकार बनाने की कोशिशों में जुट गई है. बीजेपी वहां गैर-कांग्रेसी सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी है. बीजेपी को उम्मीद है कि गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी के बाद भी जिस तरह से उसने कांग्रेस की सरकार नहीं बनने दी थी, वो काम वो यहां भी करने में सफल होगी. अमित शाह ने त्रिपुरा और नागालैंड में जीत के बाद कहा था कि मेघालय में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला है. वहां के विधायक जिसका समर्थन करेंगे उसकी सरकार बनेगी.

चलिए अब राज्य का गणित समझ लेते हैं. सत्ताधारी कांग्रेस 21 सीटें जीतकर अकेली सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है. लेकिन ये संख्या बहुमत से 9 सीट कम है. दूसरी बड़ी पार्टी के तौर पर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के खाते में 19 सीटें आईं. कांग्रेस के पास विकल्प है कि वह एनपीपी के साथ मिलकर सरकार बना ले. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ, अहमद पटेल कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार बनाने की कवायद में जुट गए हैं. पार्टी के नेता मुकुल वासनिक पहले से ही मौजूद हैं. कमलनाथ का कहना है कि पार्टी के पास विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए जरूरी विधायकों की संख्या है.

पार्टी के प्रभारी महासचिव सीपी जोशी ने भी दावा किया है कि राज्य में उनकी ही सरकार बनेगी.

बीजेपी की भी नज़र एनपीपी पर है. बीजेपी दिवंगत पीए संगमा की पार्टी एनपीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. चूंकि एनपीपी ने मेघालय में भी बड़ी सीटें हासिल की हैं. लिहाज़ा बीजेपी अगर दोनों जगहों के लिए एनपीपी के साथ बात कर ले तो त्रिपुरा के अलावा बाकी दो राज्यों में भी उसकी सरकार बन जाएगी. हालांकि बीजेपी को  फिर भी मेघालय मेंनिर्दलीय और स्थानीय पार्टियों के समर्थन की दरकार रहेगी.

स्थानीय पार्टियों का रुख
चूंकि राज्य में स्थानीय पार्टियों ने चुनाव ही कांग्रेस को हटाने के लिए लड़ा था. ऐसे में ये संभावना है कि स्थानीय पार्टियां कांग्रेस के खिलाफ ही सरकार बनाने वाले को समर्थन देंगी. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, हिल्स स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, गारो नेशनल कांउसिल ने राज्य में कुल 8 सीटें जीती हैं जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी 4 सीटें जीती हैं. ऐसे में इनका समर्थन बीजेपी और एनपीपी को जा सकता है.