रायपुर. भाजपा विधायक और टीआई के बीच उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति जोरों पर है. जहां एक ओर इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो वहीं अब दो दिन बाद विधायक ने अपनी चुप्पी को तोड़ते हुए इस पूरे मामले पर अपनी सफाई दी है. विधायक का कहना है कि यह चुनावी साल है इसलिए उनके कुछ राजनीतिक प्रतिद्वंदी साजिश करके इस तरह के मामलों को बेवजह तूल दे रहे हैं.

विधायक राजू सिंह क्षत्रिय का इस बारे में कहना था कि गांव के दो लड़कों को 107- 16 के तहत पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिन्हें त्यौहार के मद्देनजर छोड़ने के लिए उन्होंने कहा था. राजू सिंह ने बताया कि मैं खुद जमानत लेने के मकसद से थाना पहुंचा था लेकिन थानेदार वहां मौजूद नहीं थे और इसके बाद मैं वापस आ गया. टीआई के कार पर किसने पथराव किया, किसने तोड़फोड़ की इस बात की मुझे कोई जानकारी नहीं है. राजू ने कहा कि पिछले दो कार्यकाल के दौरान मैंने किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी से कभी भी किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया है. थानेदार शर्मा द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. राजू ने कहा कि उनके पास अभी तक लाइसेंसी रिवाल्वर ही नहीं है, वैसे थानेदार का यह कहना कि उन्होंने लाइसेंसी रिवाल्वर से मारने की धमकी दी, पूरी तरह गलत है. राजू का यह भी कहना है कि क्योंकि यह चुनावी साल है इसलिए उनके कुछ राजनीतिक प्रतिद्वंदी साजिश करके इस तरह के मामलों को बेवजह तूल दे रहे हैं.

बताया जा रहा है कि 1 मार्च की रात अपने 2 समर्थकों को थाने से छुड़ाने के लिए विधायक राजू सिंह क्षत्रिय और उनके पुत्र ने तखतपुर थाने में जमकर उत्पात मचाया. तखतपुर थानेदार द्वारा आरोपियों को नहीं छोड़े जाने पर विधायक और उसके पुत्र ने थाने में जमकर हंगामा किया. साथ ही कथित रूप से थानेदार के घर जाकर घर के सामने खड़ी कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था. इस घटना के बाद थानेदार ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी पत्र लिखकर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक को दी है. पत्र में थानेदार ने लिखा है कि इस पूरे घटनाक्रम से वह दहशत में है और आगे तखतपुर में काम नहीं करना चाहते हैं.