रायपुर। बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के बीच राजधानी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संयुक्त ध्वनि प्रदूषण विरोधी मुहिम छेड़ रखी है. इस कड़ी में शुक्रवार को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन सौंपकर लाउड स्पीकर के इस्तेमाल हो रही जनता को तकलीफ को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार कार्रवाई की मांग की गई है.

ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ मुहिम चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं में डॉ राकेश गुप्ता, विश्वजीत मित्रा, नितिन सिंघवी, हरजीत जुनेजा, डॉक्टर नवनदू पाठक, डॉक्टर ज्योतिर्मय चंद्राकर, जसमीत कौर, पुष्प लता वैष्णव, उमा प्रकाश ओझा, पवन चंद्राकर, हरीश मारदीकर, संदीप कुमार, मनजीत बल और विनय शील शामिल रहे. इनकी ओर से कलेक्टर और एसपी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि विगत दो-ढाई वर्षों में जब कोरोना के चलते विभिन्न प्रकार के सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध था.

ध्वनि विस्तारकों का प्रयोग कम होने से लोगों के अवसाद में कमी आई है. लेकिन कोविड काल के प्रतिबंध शिथिल होने के बाद विभिन्न प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, निजी संस्थानों, निकायों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें फिर से ध्वनि विस्तारकों का धड़ल्ले से उपयोग होने लगा है. इससे फिर से आम जनता की तकलीफें बढ़ गई हैं. ऐसे में ध्वनि विस्तारकों के लिए सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, छग पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा तय मानकों का पालन सुनिश्चित कराने की मांग की गई है. कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय की शरण में जाने की बात कही गई है.