विप्लव गुप्ता,पेन्ड्रा. पुलिस के गिरफ्त में आये दो आरोपियों द्वारा बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में मौज किये जाने का मामला सामने आया है. इन दोनों आरोपियों ने पहले तो​ बीमारी का बहाना बनाया और फिर अस्पताल में दोनों भर्ती हो गये. जहां वे अब ​मोबाईल पर खुले आम लोगों से बात कर रहे हैं. मोबाईल पर गेम खेल रहे हैं और ये मौज आरोपियों द्वारा पुलिस कस्टडी में की जा रही है. जिसकी भनक लल्लूराम डॉट कॉम की टीम को लगी तो वह मामले की पड़ताल करने के लिए अस्पताल पहुंची. जिसके बाद पूरा मामला खुलकर सामने आ गया है.

मामला पेन्ड्रा का बताया जा रहा है. जहां दो दिन पूर्व पुलिस ने दो फरार राइस मिलर को गिरफ्तार किया था. जिसमें हरिहर राइसमिल के संचालक अशोक कुमार गोयल और कोटमी के छत्तीसगढ़ राइस मिल संचालक हेमन्त श्रीवास्तव शामिल हैं. इन दोनों आरोपियों पर साल 2014-15 में धान संग्रहण केंद्र लोहराझोरकी में 5 हजार क्विंटल कीमत का लगभग ढाई करोड़ का धान उठाव करने के बाद जमा नहीं करने का आरोप है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों ही आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी लेकिन जब त​क दोनों राइस मिलर की गिरफ्तारी हो पाती उसके पहले ही दोनों आरोपी फरार हो गये. इसके बाद ये दोनों आरोपी पिछले तीन साल से पुलिस की नजर में फरार चल रहे थे लेकिन क्षेत्र में नये आईजी के कमान संभालते ही ये राइस मिलर धरे गये. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन दोनों राइस मिलर को ​1 मार्च को उनके घर से गिरफ्तार किया. उसके बाद दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहा से उन्हें जेल भेज दिया गया.

लेकिन यहां भी दोनों आरोपी अपने रसूख का फायदा उठाते हुए बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल पहुंच गये. इतना ही नहीं अस्पताल में भी इन आरोपियों का रूतबा कम नहीं हुआ. यहां भी वे स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे थे. जिसकी भनक ​मीडिया को लगी तो मीडिया भी मामले की पड़ताल करने अस्पताल पहुंच गई. जहां नजारा चौंकाने वाला था. यहां बिस्तर में लेटा आरोपी पुलिस कस्टडी में स्मार्ट मोबाईल फोन का इस्तेमाल कर रहा था. मीडिया को देखते ही आरोपी ने अपना मोबाईल चादर के नीचे छुपा लिया लेकिन इसके पहले वह मोबाईल छुपा पाता यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो चुका था.

जब ​मीडियाकर्मी ने वहां तैनात जेल प्रहरी आर.डी.गोस्वामी से इस मामले में जानकारी ली तो प्रहरी का कहना था कि मोबाइल का इस्तेमाल करना तो गलत है पर ये मोबाइल जो मिलने आये हैं उन्होंने आरोपी को दिया है.

वहीं जब आरोपी के स्वास्थ्य के बारे में अस्पताल में मौजूद डॉक्टर डॉ. ए.आई. मिंज से बात की गई तो उनका कहना था कि जेल के अंदर इन्होंने घबराहट और धड़कन बढ़ने की बात कही थी, जिसके कारण इन्हें अस्पताल लाया गया है. इनका ईसीजी सहित अन्य जांच कराया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपी को अस्पताल में रखना है या नहीं इसका निर्णय लिया जायेगा.

जब इस मामले से ​मीडियाकर्मियों ने एसडीएम नूतन कंवर को अवगत कराया तो उनका कहना था कि मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

देखिये वीडियो…

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