सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ के रिम्स मेडिकल कॉलेज पर फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप लगा है. बग़ैर पढ़ाई और बिना इंटर्नशिप के सर्टिफ़िकेट और डिग्री बांटे जा रहे हैं. इसे लेकर विद्यार्थियों ने मोर्चा खोल दिया है. प्रबंधन पर कई संगीन आरोप लगाए हैं.
छात्रों ने CM भूपेश बघेल से लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, DME और मेडिकल काउंसिल से शिकायत की है.
पीड़ित और शिकायत करने वाले विद्यार्थी डॉक्टर आयुष स्वर्णकार, असीम चंद्र सिंह ठाकुर, डॉक्टर अवनीश कुमार सिंह ने बतायाकि एक-एक साल से कॉलेज नहीं पहुंचने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफ़िकेट दी गई है.
इसके साथ ही उन्होंने इंटर्नशिप से लापता विद्यार्थियों को भी इंटर्नशिप सर्टिफ़िकेट देने का आरोप लगाया है. आरोपों को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज़ विद्यार्थी लेकर घूम रहे हैं.
इसके अलावा ग़लत के विरोध में अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाने वाले विद्यार्थियों का सर्टिफ़िकेट रोका गया है. अभिषेक राय ने कहा कि इंटर्नशिप के सभी पैमाने पर ख़रा होने के बावजूद सर्टिफ़िकेट रोक दिया गया.
वहीं तमाम मामलों पर रिम्स प्रबंधन की ओर से कुछ जवाब नहीं दिया गया. मीडिया कर्मियों को गेट के सामने रोका गया. स्टाईप फंड मांगने वालों पर प्रबंधन द्वारा दबाव बनाया जा रहा है.
जबरिया हॉस्टल में नहीं रखने वाले छात्रों लिखवाया जाता है कि वो छात्र हॉस्टल में रहते थे. डॉक्टर जैसे पेसा में गंभीर आपराधिक कार्य आख़िर किसके सह में हो रहा है ये सवाल अब भी कायम है.