रायपुर. एक ब्रांडेड कम्पनी के आटे में प्लास्टिक मिलाये जाने का मामला सामने आया है. इस कम्पनी का आटा खरीदने वाले ग्राहक का आरोप है कि आटे में प्लास्टिक मिला हुआ है. जिसका पता उसे गूंथा हुआ आटा धाने के बाद चला. इस ग्राहक में मामले कि शिकायत पुलिस में भी की है. जिसके बाद पुलिस भी इस पूरे मामले की पड़ताल में जुट गई है उसने इस पड़ताल के लिए खाद्य विभाग से मदद मांगी है.

हम बात कर रहे है रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र की. जहां रहने वाले एक परिवार ने ‘आशीर्वाद’आटा को गुथने के बाद पानी से धोकर देखा तो उसमें भी अंत में कुछ लचीली रबर जैसी कोई चीज बची. जिसे इनके द्वारा दावा किया गया की यह प्लास्टिक है और बाद में इन लोगों आटे में प्लास्टिक मिलाये जाने की बात कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया.

इस बात की जानकारी परिवार के सदस्यों द्वारा गुढ़ियारी थाना को भी दी गई. जिसके बाद गुढ़ियारी पुलिस ने उस दुकान पर धावा बोल दिया जहां से इस परिवार ने आटा खरीदा था. पुलिस ने अपनी इस कार्रवाई के दौरान दुकान ‘आशीर्वाद’आटे को धोकर देखा उसमें भी अंतिम में कुछ प्लास्टिक जैसी चीज देखने को मिली. ​​जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए खाद्य विभाग को सौप दिया. खाद्य विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.

आपको बात दे कि एक कम्पनी के आटे को लेकर आज हर जगह सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि ‘आशीर्वाद’कम्पनी का गूंथा हुआ आटा को जब पानी से धोया गया था. तो उसमें अंतिम में कुछ लचीली रबर जैसी कोई चीज बचती है जो पानी में नहीं घुलती है. जिसे वायरल वीडियों में दावा किया जाता है कि यह प्लास्टिक है. इस वीडियों के देखने के बाद अब आम लोग भी अपने अपने घरो में आने वाले आटे को गुथने के बाद पानी से धोकर देख रहे है. यहा तक की गूथा आटा धाने के बाद यदि उसमें अंत में लचीली रबर जैसी कोई चीज बचती है तो उसे प्लास्टिक बताकर आटे की कम्पनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत ​करने से भी नही चूक रहे है.

जब इस वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ‘आशीर्वाद’ वेबसाइट पर गई तो कम्प्यूटर स्क्रीन पर सबसे पहले यही संदेश आया.

”आपके आशीर्वाद आटे में प्लास्टिक बताने वाले वीडियो पर ध्यान न दें. वीडियो में जिसे प्लास्टिक बताया जा रहा है, वो दरअसल एक प्रोटीन है जो कि हर आटे में प्राकृतिक रूप से होता ही है, FSSAI के नियम के मुताबिक़ हर आटे में इस प्रोटीन का होना अनिवार्य है. वेबसाइट पर आगे लिखा था कि देश का नं. 1 आटा होने के नाते हम अपने ग्राहकों की सेहत और सुरक्षा को लेकर सजग हैं,

कम्पनी के मुताबिक़ आटे में मौजूद वीट प्रोटीन यानी ग्लूटेन की वजह से ही गूंथते वक़्त आटा अच्छी तरह से मिल जाता है. कम्पनी का दावा है कि FSSAI के मुताबिक़ हर आटे में कम से कम 6 प्रतिशत वीट प्रोटीन होना ही चाहिए. कम्पनी का फ़ेसबुक पेज भी इसी वायरल विडियो के खंडन से भरा है.

एक न्यूज चैनल ने भी ‘आशीर्वाद’ आटे में प्लास्टिक होने वाले इस वायराल वीडियो को गलत बताया है. इस चैनल की टीम ने मामले की पड़ताल के लिए देश के खाद्य पदार्थों की सर्वोच्च नियामक संस्था FSSAI से भी संपर्क किया. लेकिन वहां बात नहीं बनी. जिसके बाद न्यूज चैनल टीम ने प्लास्टिक के आटे की गुत्थी सुलझाने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ूड टेक्नोलॉजी में असोसियेट प्रोफ़ेसर डॉ. ईरम राव से बात की. उनसे पूछा कि फिर हमारा आटा पानी में क्यों गलने लगा तो इसका जवाब भी सुनिए. आटे का 60 फ़ीसदी पानी मिलाने पर विस्कोइलैस्टिक मिश्रण बनता है.यानी अच्छी तरह गुंथा आटा पानी में नहीं गलता क्योंकि उसमें मौजूद प्रोटीन पानी के सम्पर्क में आने के बाद एक इलैस्टिक मिश्रण बनता है. आप इसे पानी में गलाएंगे तो वो नहीं गलेगा. जिसे आप प्लास्टिक समझ रहे हैं. वो आटे का प्रोटीन है.

लल्लूराम डॉट कॉम की शुरूआती पड़ताल ‘आशीर्वाद’आटे में प्लास्टिक मिलाये जाने की खबर को गलत पाया है. हांलाकि इस आटे में वाकय में प्लास्टिक मिलाया जाता है या नही इसका पता तो खाद्य विभाग की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा.