चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान गायक से अभिनेता-राजनेता बने दिवंगत गायक सिद्धू मूसेवाला के घर पहुंचे. सीएम भगवंत मान शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए मानसा जिले के मूसा गांव पहुंचे. मूसेवाला के आवास के बाहर भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है. मुख्यमंत्री के दौरे से पहले भारी सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कुछ ग्रामीणों ने पंजाब पुलिस के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी किया. हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी को भी गांव में प्रवेश करने से नहीं रोका गया है.

वित्त मंत्री हरपाल चीमे ने भी मूसेवाला के पिता से की थी मुलाकात

एक दिन पहले वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह से मुलाकात की थी. उनके साथ पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल भी मूसा गांव पहुंचे थे. उन्होंने फोन पर परिजनों की CM भगवंत मान से बात भी कराई थी. गौरतलब है कि CM भगवंत मान ने सिद्धू मूसेवाला के माता-पिता से मुलाकात की. पहले उन्हें 8 बजे पहुंचना था, लेकिन मूसा गांव में विरोध को देखते हुए वे 2 घंटे देरी से पहुंचे. इससे पहले मूसा गांव पहुंचे AAP विधायक गुरप्रीत सिंह बणावाली को लोगों का विरोध झेलना पड़ा. लोगों ने उन्हें बैरंग वापस लौटा दिया. आम आदमी पार्टी के पंजाब में 117 में से 92 MLA हैं. इसके बावजूद मूसेवाला के अंतिम संस्कार में कोई नहीं पहुंचा था. इसे लेकर लगातार पार्टी पर सवाल उठ रहे थे, जिसके बाद कुछ विधायक उनके घर पहुंचे.

मूसेवाला के पिता से मिलते हरपाल चीमा और कुलदीप धालीवाल

28 मई को हुई थी 424 वीआईपी की सुरक्षा वापस

बता दें कि भगवंत मान की सरकार ने पिछले शनिवार यानि 28 मई को सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी में कमी की थी. पंजाब सरकार के ऐसा करने के एक दिन बाद ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई. इसे लेकर पंजाब सरकार भगवंत मान बैकफुट पर हैं. गुरुवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के फैसले को खारिज कर दिया. अब 7 जून को 423 वीआईपी की सुरक्षा वापस से बहाल कर दी जाएगी. सिद्धू मूसेवाला की मौत हो चुकी है. पंजाब सरकार ने 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली थी.

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6 सदस्यीय SIT में ये अधिकारी रहेंगे शामिल

बता दें कि मूसावाला हत्याकांड की जांच में तेजी लाने के लिए पुलिस महानिदेशक वीके भावरा ने अतिरिक्त डीजीपी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) प्रमोद बान की देखरेख में विशेष जांच दल (एसआईटी) को मजबूत और पुनर्गठित किया है. अब 6 सदस्यीय एसआईटी में एक नया अध्यक्ष, पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) जसकरण सिंह और दो नए सदस्य एआईजी एजीटीएफ गुरमीत सिंह चौहान और एसएसपी मनसा गौरव तोरा होंगे. जबकि एसपी जांच मनसा धर्मवीर सिंह, डीएसपी जांच बठिंडा विश्वजीत सिंह और प्रभारी अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) मानसा पृथ्वीपाल सिंह मौजूदा तीन सदस्य हैं.

SIT किसी भी अन्य पुलिस अधिकारी को कर सकती है शामिल

अपने नए आदेश में डीजीपी ने कहा कि एसआईटी दिन-प्रतिदिन जांच करेगी और इस जघन्य अपराध के दोषियों को गिरफ्तार करेगी. आदेश में आगे कहा गया है कि एसआईटी किसी भी अन्य पुलिस अधिकारी को सहयोजित कर सकती है और डीजीपी की मंजूरी से किसी विशेषज्ञ या अधिकारी की मदद ले सकती है.

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सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को हुई थी हत्या

जानकारी के अनुसार सिद्धू मूसेवाला के नाम से विख्यात शुभदीप सिंह रविवार को शाम करीब साढ़े 4 बजे घर से निकले थे. उनके साथ दो लोग गुरविंदर सिंह (पड़ोसी) और गुरप्रीत सिंह (चचेरे भाई) भी थे. वे जब अपनी कार में सवार थे, तभी कुछ अज्ञात हमलावरों ने मूसेवाला को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिससे गायक की मौत हो गई, जबकि उनके दो साथी घायल हो गए. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में 24 शॉट के निशान शरीर पर पाए गए. हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है.

हत्या में रूसी AN-94 असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल

मूसेवाला की हत्या में रूसी AN-94 असॉल्ट राइफल के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है. 24 गोलियां मूसेवाला के शरीर के आर-पार हो गई थीं और एक गोली मूसेवाला के सिर की हड्डी में फंसी हुई थी. सोमवार को 5 डॉक्टरों के पैनल ने मूसेवाला के मृत शरीर का पोस्टमॉर्टम किया था. हमलावरों ने उनपर करीब 30 राउंड फायर किए थे. बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मूसेवाला की हत्या की जांच के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मौजूदा जज की निगरानी में न्यायिक आयोग के गठन का ऐलान किया है. इस बीच, पुलिस स्टेशन सिटी-1 मानसा में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 307, 341, 148, 149 और 120-बी के साथ ही आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27, 54 और 59 के तहत 29 मई को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.