आशुतोष तिवारी, रीवा। दिल दहलाने देने वाली क्रूरतम अंधेकत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। हत्यारा कोई और नहीं बल्कि पत्नी ने ही भाई और भतीजे के साथ हत्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम दिया था। मृतक के अंडरवियर और मोजे से परिजन द्वारा शिनाख्ती के बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई।
एसपी नवनीत भसीन ने बताया कि 9 दिन पहले युवक का शव नईगढ़ी थाना क्षेत्र स्थित सिगदहा पुल के नीचे मिला था। जिसकी शिनाख्त कर बेरहमी से हत्या करने वालों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है। युवक की हत्या की साजिश उसकी पहली पत्नी कुरैश बानो ने ही रची थी। मृतक गुलामुद्दीन की पहली पत्नी सदर बाजार नई दिल्ली में रहती है और वारदात के कुछ दिन पहले ही वह रीवा के गढ़ पहुंची थी। मृतक गुलामुद्दीन की पहली पत्नी जायजाद में हिस्सा न मिलने से पति से नाराज थी। जिसके चलते उसने उसकी हत्या की साजिश रची और वारदात में अपने भाई मोहमद अली उर्फ एजाज और मृतक के भतीजे महताब अहमद उर्फ गोलू को शामिल किया।
वारदात की शाम मृतक गुलामुद्दीन नशे की हालत में था। दोनों आरोपी गुलामुद्दीन को बाइक में बिठाकर सिगदहा पुल ले गए और शराब पिलाने के बाद उसके साथ मारपीट करते हुए उसे पुल से नीचे फेंक दिया। बाद में पुलिस को गुमराह करने के लिए कुल्हाली से उसके हाथ का पंजा और सिर को धड़ से अलग कर दिया। सिर को एक बोरे में भरकर घटना स्थल से करीब 5 किलोमीटर दूर एक खेत में छिपा दिया था।
घटना के कुछ दिनों बाद थाना गढ़ से एक परिवार मृतक की शिनाख्त करने नईगढ़ी थाने पहुंचा। जिसके बाद उन्हें मृतक की फोटो दिखाई गई। फोटो देखकर उन्हें आशंका हुई कि यह शव उनके भाई गुलामुद्दीन उर्फ मंजू का है। जिसके बाद उन्होंने मृतक की अंडर वियर और पैर में पहने मोजे को देखने की इच्छा जाहिर की। पैर के मोजो और मृतक के शरीर का कद देखकर उस शव की शिनाख्त कर ली गई। जो की गुलामुद्दीन उर्फ मंजू का ही था। युवक की इस अंधे कत्ल के राज का पुलिस अधीक्षक ने पर्दाफाश किया है।
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