रायपुर. मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्यों के अंतर्गत अब गांवों में बायोगैस संयंत्र भी स्थापित किए जा सकेंगे. भारत सरकार ने हितग्राहियों की निजी भूमि पर बनने वाले बायोगैस संयंत्र की संपूर्ण लागत और सामुदायिक उपयोग के लिए स्थापित किए जाने वाले संयंत्रों में लेबर वर्क (मजदूरी लागत) को मनरेगा कार्यों में शामिल किया है.
इस संबंध में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भारत के राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया है. मनरेगा के अंतर्गत निजी भूमि में बायोगैस संयंत्र की स्थापना के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, घुमंतू जनजाति, अधिसूचना से निकाली गई जनजातियां, गरीब परिवार, ऐसे परिवार जो किसी न किसी वंचन सूचकांक में शामिल हैं, महिला मुखिया वाले परिवार, दिव्यांग मुखिया वाले परिवार, भूमि सुधार के लाभार्थी, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थी, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम-2006 के लाभार्थी तथा लघु एवं सीमांत किसान परिवार प्राथमिकता के क्रम में होंगे.
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