रिपोर्ट – विनोद दुबे

रायपुर। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों को लेकर देशभर में कोचिंग सेंटरों का जाल बिछा हुआ है खास तौर पर देश की राजधानी दिल्ली स्थित मुखर्जी नगर में। इन कोचिंग सेंटरों द्वारा छात्रों को जिस तरह से लुभाया जाता है उसे लेकर छत्तीसगढ़ के एक आईएएस अवनीश शरण ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाला है। आईएएस ने ऐसे कोचिंग सेंटरों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने दिल्ली के मुखर्जी नगर को सपनों का शुद्ध बाजार कहा है, उनका कहना है कि कोचिंग मदारी है तो हिन्दी मीडियम के छात्र उनके डमरु पर नाचते हीरो जितेंदर और धरमेंदर।

पढ़िये एफबी में क्या पोस्ट किया है

सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम आ गये…मुखर्जी नगर हल्का फुल्का ही सुरफुर किया है…मुश्किल से 5 से 6 किलो लड्डू बिका होगा।
खास बात ये है कि, मुखर्जी नगर सपनों का शुद्धतम बाज़ार है (पतंजलि के शुद्ध घी से भी ज्यादा शुद्ध), कोचिंग मदारी है और हिंदी माध्यम के लड़के उनके डमरू पर नाचते जितेंदर,धर्मेंदर…
हर बार देखा जाता है कि जिस विषय टॉपर का हो उस विषय को ही मार्किट में उछाल उसी में मछली फंसाया जाता है।
पिछली बार बेचारे संस्कृत के लड़कों को भी टीना डाबी का पोलटिकल साईंस दिलवा दिया था। अबकी “कन्नड़” से है टॉपर।
कोई बड़ी बात नहीं कि कल से हिंदी माध्यम के कई कोचिंग पोस्टर चिपका दें”आईये कम फीस में कन्नड़ से बनें टॉपर”।
क्या पता कल तक कितने अल्लाहाबादी, बनारसी या पटनैया को ये “कन्नड़” में दाखिला दिलवा दें।
हिंदी माध्यम की कोचिंग सिलेबस नहीं, ट्रेंड फॉलो करती है।
जब से पहाड़ और कैंपस टाइप बाल भवन स्कूल खुल गये हैं कोचिंग के नाम पर,तब से ऐसा होना ही नियति हो गयी मुखर्जी नगर की।अच्छे टीचर के लिए एक इमारत नहीं छोड़ी इन दूब घांस की तरह उग आये कोचिंग स्कूलों ने…बताइये नाला टप के नेहरू विहार जाईये!!!