रायपुर. राज्य सरकार द्वारा रिकॉर्ड 144 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर खरीदी करने पर, आज गौ-पालक महिलाओं और किसानों ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया. साथ ही एक सुंदर गाय-बछड़ा आशीर्वाद स्वरुप मुख्यमंत्री को भेंट किया. इस दौरान मुख्यमंत्री भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ के गांव, गरीब, किसानों और महिलाओं के जीवन में आर्थिक समृद्धि और खुशी ही छत्तीसगढ़ मॉडल का मूल उद्देश्य है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वो तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों के परिवार के सदस्य हैं और परिवार की खुशी में ही उनकी खुशी है.

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल डायरेक्टर विनोद तिवारी की अगुआई में हुए इस कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के लाभार्थी मुख्यमंत्री से मिलने आए थे. छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना से अब तक प्रदेश के लगभग 2 करोड़ से ज्यादा लोग लाभान्वित हुए हैं. वहीं प्रदेश में गौपालकों की संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है. केवल एक वर्ष के अंदर गौपालकों की संख्या 1,65,521 से बढ़कर 2,11,540 हुई है. गौपालकों की संख्या में वृद्धि, ग्रामीण स्तर पर निरंतर हो रही आर्थिक उन्नति का प्रमाण है. राज्य में 8837 गोबर संग्रह केंद्र स्थापित किए गए हैं, ताकि लोगों को उनके गांव में ही गोबर बेचने में आसानी हो.

वहीं संतोषी यादव ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के किसानों और महिलाओं के आर्थिक विकास पर भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना का व्यापक असर हुआ है. सरकार ने योजना के अंतर्गत गौ-पालकों से दो रुपये किलो में गोबर खरीदा, महिला समूहों से जुड़ी लाखों बहनों को खाद बनाने का मौका मिला, जो उनकी आय का स्त्रोत बना. साथ ही इस योजना से किसानों का दोहरा लाभ हुआ. गोबर के खाद के इस्तेमाल से खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ी और गौ-पालकों द्वारा गायों को घर में रखने के कारण, आवारा पशुओं द्वारा फसल को किए जाने वाले नुकसान की समस्या से भी छुटकारा मिला.

इस अवसर पर किसानों ने कहा कि, माननीय मुख्यमंत्री ने गोबर को आर्थिक समृद्धि का परिचायक बना दिया है. यह उनकी दूरदृष्टि और ग्रामीण परिवेश का परिणाम है कि मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने सर्वप्रथम गांव और गरीब के आर्थिक विकास के लिए गोधन न्याय योजना तैयार की. आज देश-विदेश में छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना एक रोल मॉडल के रूप में पढ़ी और सिखाई जा रही है. कई अन्य राज्य इस योजना को अपनाने माननीय मुख्यमंत्री से सलाह ले रहे हैं.

किसान मोहित राम ने कहा कि, मुख्यमंत्री की छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना केवल एक योजना नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता की पहचान है. मानव और गौ के धार्मिक और कृषि गठजोड़ को गांव की सामजिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बनाकर माननीय मुख्यमंत्री ने देश को दिशा दिखाने का काम किया है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में प्रदेश को पहला ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो स्वयं छत्तीसगढ़ का प्रतीक है. किसान के घर जन्मा, मिट्टी में खेला, खेतों में बड़ा हुआ और मुख्यमंत्री बनकर ऐसी नीतियां लागू की जो जमीनी स्तर ग्रामीण आर्थिक समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. महिला समूह की बहनों ने गौठान में उगाई हुई सब्जी-भाजी अगरबत्ती, पापड़, मसाले भी मुख्यमंत्री भूपेश को भेंट किया.

विनोद तिवारी ने बताया कि, मुख्यमंत्री भूपेश और लाभान्वित गौ-पालक महिला समूह और किसानों की बीच हुई भेंट के दौरान जो भावुकता और आत्मियता देखने को मिली, वही गोधन न्याय योजना की सफलता का पर्याय है. आज के कार्यक्रम में प्रमुख सेवक राम साहू, रुक्मणि धीवर, संतराम साहू, संतोषी यादव, बैसाखू राम साहू, दुलारी यादव, पर्यटन साहू, वतन चन्द्राकर, नागेन्द्र चन्द्राकर, डुमेंद्र साहू, बिशहत राम साहू, मोहित राम, बबलू चन्द्राकर, लखन कुम्भकार, लखन निर्मलकर, राजकुमार, राजेश्वरी साहू, तेजराम साहू, खेमराज यादव, महावीर चन्द्राकर, योगेश कुमार, वीरेन्द्र यादव, घनाराम यादव, फुलेश्वरी यादव, सहदेव यादव, बेनु निषाद, उषा मानिकपुरी, अर्जुन यादव, पप्पू पुरैना, सूरज खुटे, उमेंद्र क्षत्रिय, बिसाहिन धीवर अपराजीत तिवारी शामिल थे.