भोपाल. मध्यप्रदेश में टमाटर की इतनी बंपर पैदावार हुई है कि किसान अब इन्हें सड़कों पर या जानवरों का चारा बनाने को मजबूर है. हालत यह है कि अन्नदाता को लागत तक नहीं निकल पा रही है. व्यापारी सिर्फ एक रुपये किलों का भाव लगा रहे हैं ऊपर से शिवराज सरकार के मंत्री बालकृष्ण पाटीदार कहते हैं कि टमाटर उगाते क्यों हैं किसान ? यह बेतुका बयान भी अन्नदाता के दिल को छलनी कर रहा है.

पहले बडबानी में किसानों ने टमाटर सड़कों पर फेंका, अब राजधानी से लगे रायसेन जिले में भी यही हालत बन गई है. रायसेन जिले के किसानों के लिए टमाटर एक बार मुसीबत बन गया है. टमाटर की बंपर पैदावार से किसानों को फसल के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे के कारण कई किसानों ने टमाटर फेंककर जानवरों को खिलाना शुरू कर दिया हैं.

रायसेन जिले के बाड़ी बरेली क्षेत्र में सैकड़ों किसानों ने 15 हजार हेक्टयर से ज्यादा खेतो में टमाटर की फसल लगाई गई हैं. यहा जन चर्चा बनी हुई हैं कि भारत से पाकिस्तान टमाटर एक्सपोर्ट होना बंद हो गया है. जिसका रायसेन जिले में बंपर आवक के बीच इसका बुरा असर हुआ. 20 दिन पहले 8 गुना दाम पर बिकने वाला टमाटर सीधे एक रुपए प्रति किलो पर आ गया. यहा एक कैरेट की कीमत 30 से 50 रुपए रही. जबकि बीते साल इसी समय भाव 220 रुपए प्रति कैरेट था. बंपर फसल के बावजूद लागत नहीं निकलने से मायूस किसानों ने सोमवार को मंडी में टमाटर जानवरों को खिलाए.

किनगी गांव के किसान सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि टमाटर तुड़वाने में 20 रुपए कैरेट की मजदूरी लगती है, इतने में एक कैरेट टमाटर बिक रहे हैं। इसके चलते लाल सुर्ख टमाटर कहीं नहरों पर फेंके जा रहे हैं तो कहीं जानवरों को खिलाये जा रहे हैं।