विप्लव गुप्ता,पेन्ड्रा. हत्या, अपहरण और बलात्कार जैसे संगीन आरोपो से घिरे विचाराधीन कैदी की अभिरक्षा पर कितनी लापरवाही बरती जाती है. वह पेंड्रा रोड अपर एवं सत्र न्यायलय परिसर के बाहर देखने को मिला. जहा पेशी में लाये गये आरोपी को पुलिस धूम्रपान सहित बड़ी सुविधाएं सहजता से उपलब्ध करा थी. कैदी को होटल में चाय नाश्ता कराया जाता है. इतना ही नहीं पुलिस इस कैदी पर इतनी मेहरबान थी, कि जिस हथकड़ी में उसे बांधकर लाया गया है, उस हथकड़ी का दूसरा छोर भी पुलिस ने कैदी को ही पकड़ा दिया था. कैदी की खातिरदारी इतने पर ही समाप्त नहीं होती है. पुलिस द्वारा बकायदा कैदी को मोबाईल से काफी देर तक बातचीत करने का भी मौका दिया जाता है.
कैदी को स्पेशल ट्रीटमेंट देते समय शायद पुलिसकर्मी को इस बात का आभास नहीं था कि कोई है जो उसकी इन हरकतों पर नजर रखे हुए है. यह पूरा वाकया मोबाइल कैमरे में कैद हो गया. वही इस घटना के प्रकाश में आने के बाद अब विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे है.
सिगरेट के धुएं का छल्ला उड़ाता ये युवक विनोद प्रजापति है, जिस पर मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी का अपहरण कर हत्या करने का आरोप है. आरोपी पर एक अन्य मामले में बलात्कार एवं लुट का मामला दर्ज है. जिसने साल 2014-15 में मरवाही थाने के गुज्जर डेम के पास अधिकारी की हत्या कर शव को फेक दिया था.
अनुपपुर जिला जेल से अनुपपुर लाइन में पदस्थ पुलिस उपनिरीक्षक माधव सिंह और आरक्षक विजय दिवेदी आरोपी को लेकर पेशी के लिए पेंड्रारोड अपर सत्र न्यायालय पहुंचे. जहां पेशी के बाद विचाराधीन कैदी की अभिरक्षा में आये पुलिस अधिकारी एवं कर्मी ने जो सुविधा मुहैया कराई वो सारी सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है.
वही जब इस बारे में एएसआई माधव सिंह से बात कि गई तो माधव ने कैदी की इस तरह से आव भगत किये जाने की बात से साफ इंकार कर दिया. शायद माधव को इस बात का आभास नहीं थी कि कैदी को दी जा रही सुख सुविधा को मोबाईल पर वीडियो बना लिया गया है.
पुलिस द्वारा कैदी पर इनता विश्वास दिखाया जाना साफ जताता है कि पुलिस और कैदी के बीच कितने मुधुर संबंध है. और कई बार इसी संबंध का फायदा उठाते हुए कैदी फरार भी हो जाते है. यह पूरी घटना कैदी की सुरक्षा में चूक की श्रेणी में आता है.
देखिये वीडियो-
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