रायपुर। शिक्षाकर्मियों की मांगों पर विचार कर राज्य सरकार को प्रतिवेदन देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित हुई हाईपॉवर कमेटी की अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा दी गई है. इसे लेकर शिक्षक मोर्चा में भारी नाराज़गी है. आज मुख्य सचिव के साथ शिक्षाकर्मी संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक रखी गई है. इस बैठक में मुख्य सचिव शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति, स्थानांतरण, वेतन-भत्तों, अनुकंपा नियुक्ति समेत अन्य मांगों और समस्याओं को सुनेंगे.

शिक्षक मोर्चा की मांग

शिक्षक मोर्चा के संचालक संजय शर्मा ने कहा कि कमेटी घोषित करने के साथ अधिकारियों को इस बात की घोषणा भी करनी चाहिए कि एक माह में वे संविलियन सहित मांगों पर सकरात्मक निर्णय ले लेंगे. उन्होंने कहा कि केवल कमेटी की अवधि बढ़ाने से समस्या का निराकरण नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि ऐसी कमेटियां इसके पहले भी कई बार बन चुकी हैं.

संजय शर्मा ने कहा कि कमेटी 3 माह की अवधि में निर्णय लेगी, यह भरोसा शिक्षाकर्मियों को था. उन्होंने कहा कि आज की बैठक में संविलियन का मुद्दा प्रमुखता से रखा जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि 4 मार्च को कमेटी गठित हुए 3 महीने हो गए थे, इसलिए अघोषित रूप से तो ऐसे ही कमेटी की अवधि बढ़ गई थी. अब 4 महीने का वक्त 4 अप्रैल को होगा.

वहीं उन्होंने कहा कि कमेटी इस बात का जवाब दे कि क्या 5 अप्रैल तक संविलियन की घोषणा हो जाएगी.

एमपी की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी जल्द हो संविलियन- संजय शर्मा

शिक्षक मोर्चा के संचालक संजय शर्मा ने ये भी कहा कि उनकी मुख्य मांग संविलियन पर वे कमेटी को तथ्यात्मक दस्तावेज सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह मध्यप्रदेश सरकार ने संविलियन की घोषणा की, उसी तरह से जल्द ही छत्तीसगढ़ में भी संविलियन का ऐलान किया जाए.

छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि 16 मार्च यानि आज कमेटी के समक्ष संविलियन करने के लिए तथ्यात्मक मांगपत्र सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि समतुल्य वेतनमान के निर्धारण में हुई गलती को रेखांकित कर छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम के तहत त्रुटि पूर्ण निर्धारण में सुधार कर क्रमोन्नति/ समयमान के आधार पर वेतन निर्धारण का पक्ष रखा जाएगा.

उन्होंने कहा कि समतुल्य वेतन के साथ देने के बाद कटौती किए गए आवास भत्ता, चिकित्सा भत्ता, गतिरोध भत्ता, आदिवासी क्षेत्र के विशेष भत्ता में की गई कटौती के संबंध में कमेटी के समक्ष भूतलक्षी प्रभाव से लाभ देने मांग रखा जाएगा.

संजय शर्मा ने कहा कि समतुल्य में किए गए न्यूनतम पर निर्धारण की जगह 1.86 के गुणांक पर निर्धारण कर भूतलक्षी प्रभाव से लाभ देने की मांग की जाएगी. दो वर्ष में एक वार्षिक वेतन वृद्धि निर्धारण की विसंगति से अवगत कराया जाएगा. 2006 से 2013 के बीच के काल्पनिक निर्धारण का वित्तीय लाभ देने पक्ष रखा जाएगा.

 

 

समान कार्य हेतु समान वेतन के आधार पर 08 वर्ष का बंधन समाप्त करते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से समस्त शिक्षक पं/न नि संवर्ग को शिक्षा और आजा क वि में संविलियन, /शासकीयकरण / सेवा हस्तांतरण करते हुवे क्रमोन्नति वेतनमान पर सातवां वेतनमान देने की मांग भी रखी जाएगी.

शिक्षाकर्मियों की अन्य मांगें

  • समस्त शिक्षक संवर्ग के लिए दो स्तरीय क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान जारी किया जाए
  • सहायक शिक्षक वर्ग को व्याख्याता, शिक्षक के अंतर के अनुपात में समानुपातिक वेतनमान दिया जाए
  • अप्रशिक्षित शिक्षक संवर्ग के लिए प्रशिक्षण की पूर्ण व्यवस्था करते हुवे, वर्तमान में उन्हें नियमित करते हुवे समयमान वेतनमान व् पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जाए साथ ही वेतनमान कटौती नहीं किया जाए
  • कैबिनेट निर्णय का पालन करते हुए शिक्षक संवर्ग को वरिष्ठता के आधार पर प्राचार्य, प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति किया जाए
  • व्याख्याता, व्यायाम शिक्षक, उर्दू शिक्षकों की पदोन्नति के लिए प्रावधान बनाकर पद स्वीकृत किया जाए
  • समग्र वेतन (मूल वेतन, महंगाई भत्ता) में सी पी एफ कटौती और 2004 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों की जीपीएफ कटौती किया जाए
  • प्रदेश के अन्य कर्मचारियों और शिक्षकों के समान शिक्षक संवर्ग के लिए खुली स्थानांतरण नीति बनाया जाए
  • टेट और डी एड के बिना अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान कर न्यूनतम योग्यता के अभाव में चतुर्थ वर्ग पर भी अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाए