नई दिल्ली। CBI की विशेष अदालत ने सोमवार को धनशोधन मामले (Money Laundering Case) में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी. इससे पहले सोमवार को अदालत ने सत्येंद्र जैन की न्यायिक हिरासत बढ़ाने से इनकार कर दिया था, क्योंकि न तो मंत्री और न ही उनके वकील अदालत में मौजूद थे. सत्येंद्र जैन 31 मई से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की हिरासत में हैं और उन्हें पिछले सप्ताह ऑक्सीजन के स्तर में कमी की शिकायत के बाद लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
11 जुलाई को पेश होने के निर्देश
जैसे ही जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू में CBI कोर्ट में परिस्थितियों से अवगत कराया और जांच का हवाला देते हुए सत्येंद्र जैन की हिरासत के विस्तार के लिए तर्क दिया, अदालत ने ईडी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्हें अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया. दलीलों के बाद अवकाश न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने आरोपी की हिरासत 2 सप्ताह के लिए बढ़ा दी और जांच एजेंसी को उन्हें 11 जुलाई को अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया.
मंत्री सत्येंद्र जैन स्लीप एपनिया से पीड़ित
अस्पताल में भर्ती होने से पहले अदालत ने 18 जून को मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. 9 जून को अदालत की सुनवाई के ठीक बाद राउज एवेन्यू कोर्ट से बाहर निकलते समय बेचैनी की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था. 18 जून को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को खारिज करते हुए एक विशेष अदालत ने कहा कि उनके मेडिकल इतिहास को दिखाने के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया है और केवल इस आधार पर कि आरोपी स्लीप एपनिया से पीड़ित है, उन्हें राहत नहीं दी जा सकती.
सत्येंद्र जैन को कोरोना के दौरान हो गया था निमोनिया
सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि वह स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं और यह एक ऐसी चिकित्सा स्थिति है, जो काफी गंभीर है. दलील दी गई कि यहां तक कि इससे एक मरीज की अचानक मृत्यु भी हो सकती है. यदि एक देखभाल करने वाले शख्स की अनुपस्थिति में निरंतर पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (CPAP) मशीन हटा दी जाए, तो गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं. तर्क दिया कि इस मामले में अगर रोगी ने मशीन को हटा दिया या बिजली चली गई और उसे पॉवर बैकअप की आवश्यकता पड़ गई, जो कि जेल में नहीं है, तो सत्येंद्र जैन को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. वकील ने तर्क दिया कि कोविड 19 के दौरान जैन को गंभीर निमोनिया का सामना करना पड़ा था. वकील ने बताया कि रिमांड के समय भी इस संबंध में अनुरोध किए जाने पर आरोपी की इस तरह की स्थिति से बचने के लिए सीपीएपी मशीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे.
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज
सीबीआई ने सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध करने का आरोप लगाया है. 31 मार्च को ईडी ने अस्थायी रूप से मंत्री के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कुर्क किया. ईडी ने 6 जून को सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और उनके सहयोगियों के कई स्थानों पर छापे मारे, जिन्होंने या तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनकी सहायता की थी या मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रियाओं में भाग लिया था. छापेमारी के दौरान 2.85 करोड़ रुपए की नकदी और 1.80 किलो वजन के 133 सोने के सिक्के बरामद किए गए.
17 जून को भी सत्येंद्र जैन के ठिकानों पर की गई थी छापेमारी
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर छापेमारी की थी. मंत्री सत्येंद्र जैन को 30 मई को ईडी ने पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी एक नामी पब्लिक स्कूल के दफ्तर पर छापेमारी कर रहे थे. स्कूल ट्रस्ट द्वारा चलाया जा रहा है. इसके प्रमोटर और निदेशकों से पूछताछ की जा रही है, क्योंकि उनके साथ सत्येंद्र जैन के संबंध हैं. बता दें कि सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कर रहे हैं.
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