नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर राखी बिड़लान ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश की आड़ में सर्विस विभाग सवालों का जवाब देने से इंकार कर रहा है. विधायकों की तरफ से सर्विसेज विभाग से नियुक्ति और खाली पद को लेकर सवाल पूछे गए. विधायकों द्वारा विधानसभा में पूछा गया था कि दिल्ली सरकार में ग्रेड 4 के कितने पद रिक्त पड़े हैं, कितने अधिकारियों को एसडीएम का कार्यभार सौंपा गया, दिल्ली सरकार के प्रत्येक विभाग में स्वीकृत पदों की कितनी रिक्तियां हैं? इन सवालों के जवाब में कहा कि सर्विसेज विभाग विधानसभा के प्रश्न के बारे में उत्तर नहीं दे सकता है.
विधानसभा अध्यक्ष ने सर्विस डिपार्टमेंट पर उठाए सवाल
मंगलवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राखी बिड़लान ने कहा कि जब भी कोई विधायक इस तरह के सवाल पूछता है, तो सर्विस डिपार्टमेंट लिखकर दे देता है कि मुझे यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि सर्विसेज का मामला एमएचए की ओर से 21 मई 2015 को जारी अधिसूचना के तहत एक आरक्षित विषय है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह विभाग विधानसभा प्रश्न के बारे में उत्तर नहीं दे सकता है.
3 सदस्यीय समिति का गठन, 48 घंटे में देगी रिपोर्ट
राखी बिड़लान ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देकर भी जो जानकारी ली जा सकती है, वह जानकारी भी इस विधानसभा को केंद्र सरकार क्यों नहीं दे सकती है? दिल्ली के सर्विस डिपार्टमेंट यानी कि कर्मचारियों की ट्रासंफर, पोस्टिंग, नियुक्ति आदि का मसला संविधान के तहत दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधीन आता है. सर्विस डिपार्टमेंट अन्य विभागों की तरह इस विधानसभा के प्रति जवाबदेह है. उनका कहना है कि यह संवैधानिक व्यवस्थाओं, चुने हुए विधायकों और इस विधानसभा का अपमान है. इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए विधायक राजेश गुप्ता, सोमनाथ भारती और आतिशी की 3 सदस्यीय समिति बनाती हूं, जो 48 घंटे में इस पूरे मामले पर एक रिपोर्ट बनाकर देंगे. इसमें 2015 से पहले इस तरह के सवालों पर सर्विस विभाग की ओर से दिए जाने वाले जवाब को भी शामिल किया जाएगा.
सर्विस डिपार्टमेंट भी विधानसभा के प्रति जवाबदेह – राखी बिड़लान
दिल्ली विधानसभा में विधायक राजेश गुप्ता ने मंगलवार को सर्विसेस विभाग की ओर से विधायकों के सवालों का जवाब न देने का मुद्दा उठाया गया. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर राखी बिड़लान ने विधानसभा में कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण और गंभीर है. सर्विस डिपार्टमेंट यानी कि कर्मचारियों की ट्रासंफर, पोस्टिंग, नियुक्ति आदि का मसला संविधान के तहत दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधीन आता है. सर्विस डिपार्टमेंट अन्य विभागों की तरह इस विधानसभा के प्रति जवाबदेह है.
यह संवैधानिक व्यवस्थाओं, चुने हुए विधायकों और इस विधानसभा का अपमान है- राखी बिड़लान
राखी बिड़लान ने कहा कि मैं दिल्ली के विभानसभा के अध्यक्ष के रूप में सर्विस डिपार्टमेंट के इस रुख को संविधान के खिलाफ उठाया गया कदम मानती हूं. इस सदन की जानकारी के लिए मैं पिछले 4 साल के दौरान इसी सदन के विधायक सदस्यों द्वारा सर्विस डिपार्टमेंट से पूछे गए कुछ प्रश्नों का यहां जिक्र जरूर करना चाहती हूं. उदाहरण के लिए सुखवीर दलाल ने 2018 में पूछा था कि दिल्ली सरकार में ग्रेड 4 के कितने पद रिक्त पड़े हैं और इन्हें भरने के क्या प्रयास किए जा रहे हैं. सर्विस डिपार्टमेंट ने फिर से इसके जवाब में भी वही लिखकर दे दिया. इसी तरह 2018 में जगदीश प्रधान ने पूछा कि दिल्ली सरकार में स्टेनो कैडर की रिस्ट्रक्च रिंग कमेटी की क्या सिफारिशें है और स्टेनों कैडर की कंट्रोलिंग अथॉरिटी कौन है? इस सवाल के जवाब में भी सर्विस डिपार्टमेंट ने वही जवाब लिखकर दे दिया.
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लोकतंत्र का बनाया जा रहा मजाक- राखी बिड़लान
2018 में विधायक कर्नल देवेंद्र सेहरावत ने प्रश्न पूछा था कि एसडीएम कापसहेड़ा में दो साल में कितने अधिकारियों को एसडीएम का कार्यभार सौंपा गया. सर्विस डिपार्टमेंट ने फिर से यही लिखकर दे दिया. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर राखी बिड़लान ने कहा कि सर्विस डिपार्टमेंट का यह रुख इस विधानसभा के साथ नहीं लोकतंत्र के साथ और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बनाए गए संविधान का मजाक है.
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