रायपुर। बाल श्रम एवं बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जमीनी स्तर पर रेस्क्यू अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने तेलीबांधा स्थित मरीन ड्राइव पर अभियान की शुरुआत की और लोगों को समझाया.
प्रभा दुबे ने भिक्षावृत्ति पर चिंता जाहिर की और तेलीबांधा तालाब के पास भिक्षावृत्ति कर रहे 4 बच्चों और उनसे भिक्षावृत्ति करा रहे परिजनों को समझाया और बच्चों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया.
आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने कहा कि बाल श्रम और भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है. अगर सभी लोग जिम्मेदारीपूर्वक इस ओर ध्यान दें, तो निश्चित ही इस कुरीति को जड़ से समाप्त किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थलों, रेस्टॉरेंट, होटल-ढाबा में बाल श्रम कर रहे और भिक्षावृत्ति में लिप्त घुमंतू बच्चों का जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, श्रम विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहयोग से रेस्क्यू अभियान चलाया जाएगा, ताकि इन मामलों में लिप्त नियोक्ताओं पर कड़ी कानूनी कार्रवाई कर इसे समाप्त किया जा सके.