हेमंत शर्मा इंदौर.नए संसद भवन में लगे विशालकाय अशोक स्तंभ को लेकर जो विवाद छिड़ा है, वो थमने का नाम नहीं ले रहा, लोग इसकी डिजाइन को लेकर सवाल खड़ा कर रहे है. पर क्या आप जानते है कि इस अशोक स्तंभ का इंदौर से भी नाता है. भारत के संविधान के लिए अशोक स्तंभ का पहला पेज आज भी इंदौर के चितावद स्थित आनंदनगर में देखने को मिलेगा, जिसे शहर के चित्रकार स्व. दीनानाथ भार्गव ने तैयार की थी.
सोने के वर्क से उकेरी गई थी डिजाइन
पहली बार किसी ने संविधान के इस पेज पर बने अशोक स्तंभ की डिजाइन सोने के वर्क से बनाई गई थी. संविधान का पहला पेज इस पर काली स्याही का ब्रश गिर जाने के कारण उन्होंने ठीक वैसा ही दूसरा चित्र तैयार किया जो भारतीय संविधान की पुस्तक में लगा है. दीनानाथ भार्गव की मृत्यु 24 दिसंबर 2016 को हो गई थी, पर उनकी पत्नी प्रभा भार्गव (85 वर्षीय) और बेटे सौमित्र भार्गव ने आज भी उनकी स्मृतियों के साथ सहेज कर रखा है.
भारत सरकार ने दिया था 12 हजार मेहताना
भारत के संविधान की मूल प्रति ललित कला अकादमी दिल्ली में रखी है. 1948 में जब इसे तैयार किया जा रहा था, तब उस टीम में दीनानाथ भार्गव भी शामिल थे. उन्हें 1949 में सरकार ने 12 हजार रुपये पारिश्रमिक दिया था. संविधान के सभी पन्नों पर आउटलाइन और मुख्य पृष्ठ तैयार करने के लिए 12 होनहार छात्रों में से भार्गव को भी चुना गया था. उनकी डिजाइन अन्य छात्रों से बेहतर थी, इस कारण बोस ने अशोक स्तंभ व 20 पृष्ठों के आउटलाइन डिजाइन की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी थी.
चिड़ियाघर जाकर देखते थे शेरों के हावभाव
कवर पेज पर अशोक स्तंभ बनाने के लिए दीनानाथ ने अच्छी खासी मेहनत की थी। इसके लिए कोलकाता के चिड़ियाघर में एक महीने तक रहकर शेरों के हाव-भाव का अध्ययन किया था। उन्होंने अपने इस कार्य को श्रेष्ठ बनाने के लिए अथक प्रयास किया था.
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