कोण्डागांव। कोण्डागांव स्थित 383 ग्राम पंचायतों में कुछ ऐसे गांव हैं, जहां अब तक बैंकिंग सुविधाओं का विकास नहीं हो सका है. ऐसे गांव में लोगों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने जिला प्रशासन की ओर से समूह की महिलाओं को बीसी सखी बनाकर ग्रामीणों को बैंक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इससे न सिर्फ लोगों को राहत मिल रही है, बल्कि महिलाओं को अतिरिक्त आय प्राप्त होने से उनमें स्वाभिमान और आत्मविश्वास भी बढ़ा है.

ऐसी कहानी है बड़ेठेमली के आश्रित ग्राम मस्सूकोकोड़ा निवासी लता पाण्डे की. लता पाण्डे इस संबंध में बताती है कि बीसी सखी बनने से पूर्व उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत तंग थी. किसी भी चीज की आवश्यकता होने पर उन्हें ऋण के लिए दूसरों पर आश्रित होना पड़ता था. जहां महंगे ब्याज दरों पर बाजार से पैसा प्राप्त होता था, जिससे वे परेशान थे. ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की सीआरपी टीम ने एक बार गांव में आकर योजना की जानकारी दी. इसमें मेरे साथ गांव की अन्य महिलाओं ने मिलकर मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह का निर्माण किया.

समूह के साथ कार्य करते हुए मुझे 2017 में बीसी सखी योजना के बारे में जानकारी प्राप्त हुई, जिसके प्रति मैं बहुत उत्साहित थी. शिक्षित होने के कारण बीसी सखी के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ. जहां उन्हें जगदलपुर स्थित आरसेटी में प्रशिक्षण दिया गया. इसके पश्चात् ग्राम संगठन द्वारा उन्हें ऋण के माध्यम से कम्प्यूटर सेट एवं अन्य सामग्रियों के क्रय हेतु पैसे प्राप्त हुए एवं बिहान योजना अंतर्गत बीसी सखी आईडी एवं सीएससी आईडी प्रदान की गई. जिसके पश्चात् मेरे द्वारा बीसी सखी के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया गया.

बीसी सखी बनकर मुझे गांव में रहकर लोगों को बैंकिंग सुविधा पहुंचाकर लोगों की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ साथ ही मुझे अतिरिक्त आय भी प्राप्त होने लगी. वो सम्मान और पहचान जो मुझे आजतक प्राप्त नहीं हुई थी वो मुझे प्राप्त हो रही है. अब लोग मुझे गांव में बैंक दीदी के रूप में जानते हैं. मैने अब तक कुल 26.44 करोड़ मूल्य के 25864 लेन-देन किए गए हैं. जिससे मुझे कमीशन के रूप में कुल 8.64 लाख रुपए प्राप्त हुए. मुझे हर माह कमीशन के रूप में 12 हजार के लगभग प्राप्त हो जाते हैं. यह सबकुछ बैंक सखी बनकर ही संभव हो सका है.

बैंक सखी बनने के साथ अधिकारियों द्वारा मुझे आर्थिक स्थिति सुधार के लिए समूह के साथ कार्य करने एवं पैसों की बचत एवं पंचसूत्र पालन के संबंध में भी जानकारी दी गई थी. इसका परिणाम है कि आज मेरे सभी सपने पूर्ण हो रहे हैं. बैंक सखी के अलावा स्वयं के कॉम्प्लेक्स में मैं फैंसी स्टोर एवं कपड़ा दुकान भी संचालित कर रही हूं, जिससे मुझे अतिरिक्त 20 से 30 हजार तक आमदनी प्राप्त हो जाती है. इस अवसर पर लता ने सभी बिहान समूह की दीदीयों के लिए कहा है कि संगठन बनाकर हम सभी यदि मिलकर कार्य करें तो हम अपने साथ-साथ गांव एवं देश का भी विकास कर सकते हैं. इसमें बिहान योजना हमारी संकल्पनाओं को सच करने में हमारी साथी बनेगी.

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