अजय शर्मा,भोपाल। देशभर में फैल रहे मंकीपॉक्स को लेकर मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. विभाग ने मंकीपॉक्स को लेकर एडवाइजरी जारी की है. मध्य प्रदेश स्वास्थ संचनालय की तरफ से सभी जिलों के अधिकारियों के नाम एडवाइजरी भेजी गई है. मंकीपॉक्स को लेकर जागरूकता अभियान और आंगनबाड़ी स्तर से लेकर ब्लॉक मेडिकल ऑफिस तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं.

मंकीपॉक्स कैसे होता है ? क्या बचाव के तरीके हैं ? तमाम जानकारियों को डॉक्टरों को अपडेट रहने के निर्देश दिए गए हैं. मेडिकल और हेल्थ वर्कर को भी बीमारी के संदर्भ में स्थानीय स्तर पर जानकारी देने के निर्देश जारी किए गए हैं. जिससे मंकीपॉक्स के लक्षण, कारण और बचाव की जानकारी देते हुए इससे संबंधित कोई भी जानकारी मिलने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने की सलाह दी जाएगी.

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दरअसल देश में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने से चिंता भी बढ़ती जा रही है, क्योंकि माना जा रहा है कि जिस तरह चमगादड़ों से कोरोना का संक्रमण फैला था, उसी तरह नजर अंदाज करने पर मंकीपॉक्स का संक्रमण भी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है. ऐसे में बचाव को लेकर सावधान रहने की सलाह दी गई है. एडवाइजरी में बताया गया है कि इसकी शुरुआत बुखार से होती है और फिर कमजोरी आने लगती है. शरीर में पिंपल्स निकलने लगते हैं.

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कुछ समय बाद दाने बड़े हो जाते हैं और धीरे-धीरे सूखने लगते हैं. कुछ पिंपल्स में मवाद या कुछ तरल पदार्थ भी हो सकते हैं. मंकीपॉक्स होने पर गर्दन के चारों ओर गांठ भी बन जाती है, लेकिन यह कोरोना से कम संक्रामक होता है और इसमें मौत का खतरा भी कोरोना से कम होता है. यह खांसने और छींकने से नहीं फैलता है. यह संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के संपर्क में आने से फैलता है. इसलिए कपड़ों और बर्तनों के संपर्क में आने से बचना चाहिए.

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मंकीपॉक्स से बचने के लिए जानवरों के संपर्क से बचना आवश्यक है, क्योंकि यदि कोई संक्रमित जानवर किसी व्यक्ति को नाखून से खरोंचता या काटता है, तो वह व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. इसलिए इस समय जानवरों खासकर बंदरों को छूने से दूरी बनाकर रखें. वहीं अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार है. पीठ और गर्दन में दर्द है और शरीर पर दाने निकल रहे हैं, तो बिना समय गंवाए डॉक्टर से सलाह लें.

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