Assembly Session 2022: छत्तीसगढ़ के धान उपार्जन केंद्रों (paddy procurement centers of Chhattisgarh) के बीमा का मसला सदन में उठा. बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा (MLA Shivratan Sharma Shivratan Sharma) ने मामले को उठाया. शिवरतन शर्मा ने कहा कि सरकार की ग़लत नीतियों की वजह से सहकारी सोसायटी को भुगतना पड़ रहा है. सहकारी समितियां सरकार की वजह से ख़त्म हो रही हैं. ऐसे में सहकारिता आंदोलन ख़त्म हो जाएगा. सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम (Cooperative Minister Premsai Singh Tekam) ने कहा कि उपार्जन केंद्रों के बीमा का प्रावधान नहीं है.

शिवरतन शर्मा ने कहा कि सबसे बड़ी कटौती धान के सूखत की हुई है. समितियों से उपार्जित होने वाले धान का उठाव 72 घंटे के भीतर हो जाना चाहिए. सरकार ने समय पर परिवहन का आदेश नहीं दिया. बेमौसम बारिश हो गई. इस वजह से सोसायटियों को 500 करोड़ की जो राशि मिलनी थी, उसके बजाय 115 करोड़ रुपए की राशि दी गई.

मंत्री टेकाम ने कहा कि जो समितियां घाटे में चल रही हैं, उन्हें उबारने का काम सरकार कर रही है. तीन फ़ीसदी तक सूखत की छूट दी गई है. शिवरतन शर्मा ने पूछा कि बीमा कम्पनियों से कितनी क्लेम की राशि अब तक जारी की गई है?

मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में पिछली सरकार से ज़्यादा बेहतर काम किया है. मंत्री मो. अकबर ने कहा कि वनटाइम सेटलमेंट के तहत सारी समितियों को सरकार ने पैसा दिया है. जेसीसी विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि धान ख़रीदी का मालिक कौन है?

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