रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस दौरान विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हर चर्चा में केवल और केवल हमारे घोषणा पत्र की चर्चा करते हैं. कभी आप पीछे मुड़कर देखते हैं कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिए आपने कौन सा घोषणा पत्र बनाया था. हम जो वादा करके आए थे, उस पर जनता को भरोसा है. हमारे 71 विधायक है. इसके साथ ही उन्होंने इस बार 71, अगली बार 75 की बात कही.

संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल के वक्तव्य में केवल दो बातें थी. सिंहदेव की चिट्ठी और कांग्रेस का घोषणा पत्र. वहीं अजय चंद्राकर पर टिप्पणी करते हुए संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि किसानों को दिए जा रहे पैसे को आप रेवड़ी कह रहे हैं. यही आपका दुर्भाग्य है. इस देश में किसानों के लिए कोई इतना पैसा नहीं दे सकता. दिल्ली, उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार है. धान की की क़ीमत यूपी में क्या है किसी से पूछ लेना? यूपी में एक हज़ार रुपए प्रति क्विंटल है. छत्तीसगढ़ में इस साल 2640 रुपए मिलेगा. 1640 रुपए का अंतर है.

चौबे ने अपनी सरकार की चर्चा करते हुए कहा कि दस हज़ार करोड़ का क़र्ज़माफ़ी और धान ख़रीदी में 2500 रुपये इस सरकार का सबसे बड़ा फ़ैसला है. उत्पादन का लक्ष्य पिछली सरकार की तुलना में दोगुना है. पाँच हज़ार करोड़ किसानों को शॉर्ट टर्म लोन दे रहे हैं. ये इज़ाफ़ा अपने आप नहीं हुआ. सरकार ने मेहनत की है. 2017 में बीजेपी सरकार ने किसानों को कुल 7 लाख 72 हज़ार मीट्रिक टन फ़र्टिलाइज़र दिया था. 37 फ़ीसदी सहकारी क्षेत्र और 43 फ़ीसदी निजी क्षेत्रों में दिया है. दिल्ली से आप इतना भय क्यों खाते हैं. नेता प्रतिपक्ष सिर्फ़ यहीं भाषण दे सकते हैं. दिल्ली के नेता आते हैं तो तक क्यों नहीं कहते. केंद्र सरकार से हमें तीस हज़ार करोड़ रुपए लेना है.

इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि तीस हज़ार करोड़ रुपए किस-किस मद में लेना है. ये लिखकर दे दें. हम बात करेंगे. रविंद्र चौबे ने कहा कि हम उत्पादक राज्य है. जीएसटी क्षतिपूर्ति भी केंद्र को करनी चाहिए. रमन सिंह की दस साल जब हुकूमत थी तब दिल्ली में मनमोहन सरकार थी. तब ऐसी दिक़्क़त नहीं आई थी. केंद्र हमारा पैसा नहीं दे रहा. राज्य का राजस्व भी कम है. दिल्ली से पैसा तो दिया जाना चाहिए. बीजेपी विधायक पुन्नूलाल मोहिले ने कहा कि राज्य में आप हमारे साथ होने वाले दुर्व्यवहार को सुधारिए. मंत्री हमारा फ़ोन नहीं उठाते. दुर्व्यवहार करते हैं. इसे सुधारिए. मैं दिल्ली आपके साथ चलूँगा.

संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता को जितना सम्मान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया. उतना सम्मान रमन सिंह की पंद्रह साल के कार्यकाल में नहीं हुई. आज छत्तीसगढ़ में आईएएस भी छत्तीसगढ़ी सीख रहे हैं. अब यहाँ बासी का भी सम्मान है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि यहाँ एक बासी की क़ीमत पचास करोड़ पड़ती है. रविंद्र चौबे ने कहा कि हमारी विरासत, परंपरा, कला-संस्कृति, तीज पर्व ने यदि सम्मान पाया तो मुख्यमंत्री को बधाई देनी चाहिए. छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक आदिवासियों के सम्मान में विश्व आदिवासी दिवस पर छुट्टी घोषित की गई.

बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि एक बार चार्टर पढ़ लीजिए. जिन देशों में आदिवासियों की संस्कृति खतरे में है उसकी रक्षा करने के लिए आदिवासी दिवस मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ में दी गई छुट्टी सिवाय राजनीति के कुछ भी नहीं. सत्तापक्ष के आदिवासी विधायकों में अजय चंद्राकर से माफ़ी माँगें जाने की माँग की. मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सदन में 90 में से 29 विधायक आदिवासी वर्ग से आते हैं. अजय चंद्राकर आदिवासियों का अपमान कर रहे हैं. मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आदिवासियों का उपहास बना देते हैं. कभी आदिवासी मंत्री को आइटम गर्ल कह देते हैं.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कहीं भी आदिवासी वर्ग का अपमान नहीं किया. कवासी लखमा माफ़ी जाने की माँग पर अड़े. कहा- इस बयान से हमें ठेस पहुँचा है. हम भी चुनाव जीतकर आए हैं. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इसी विधानसभा में 32 फ़ीसदी आरक्षण लागू किया गया है. आदिवासियों के प्रति सम्मान है इसलिए ही ये लागू किया गया था. अजय चंद्राकर ने कहा कि यदि मेरे दिए तथ्य सदन के सदस्यों को ग़लत लगता है तो जो फ़ैसला होगा वह मुझे मान्य होगा. प्रेस काँफ़्रेस में की गई मेरी टिप्पणी समाज विशेष को लेकर नहीं थी. मैंने मंत्रिमंडल पर टिप्पणी की थी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रविंद्र चौबे ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति का ज़िक्र किया. इस पर ही आदिवासी दिवस पर छुट्टी देने की बात आने पर अजय चंद्राकर की टिप्पणी आई. अजय चंद्राकर को जब भी मौक़ा मिलता है वह ऐसा बयान देते हैं. इससे पहले उन्होंने आईटम गर्ल कहा था. अब एक नया शब्द कहते हैं मंत्रिमंडल के सदस्यों को चियर्स गर्ल कहते हैं. ये उचित नहीं है. अजय चंद्राकर ने कहा कि मैंने चार बार ये माँग की थी कि सदन में कौन से शब्द असंसदीय हैं या नहीं ये बता दीजिए. आसंदी मुझे जो भी निर्देश देगा मैं मानूँगा. उन्होंने कहा कि आज तक कहे गए मेरे सभी ऐसे शब्द जिनसे सदस्यों को बुरा लगा होगा उसके लिए मैं माफ़ी माँगता हूँ. आसंदी ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित की.

दस मिनट बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने चर्चा को आगे बड़ाते हुए कहा कि पिछली सरकार ने संस्कृति के नाम पर क्या किया ये बताने की ज़रूरत नहीं है. हिरोईनों को बुलाकर करोड़ों रुपए दिया जाता रहा है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के एक सांसद की बेटी को 20 करोड़ रुपए के इवेंट का काम दिया गया. छत्तीसगढ़ का पैसा बाहर के लोगों के खाने के लिए है. रविंद्र चौबे ने कहा कि जिस राम को वोट का सहारा मानते थे. सदन में बीजेपी ने जय श्री राम के नारे लगाए. सत्तापक्ष के विधायकों ने जय सिया राम के नारे लगाए.

यदि मुख्यमंत्री ने राम वन पथ गमन बनाने का निर्णय लिया तो आपको क्या तकलीफ़ है. मानस मंडली प्रतियोगिता का निर्णय लिया तो क्या तकलीफ़ है. तकलीफ़ प्रदर्शित होता है. राम भी हाथ से गए. राम हम सबके हैं लेकिन वोट, चंदा खोरी और नोट के लिए राम हमारे नहीं. राम बहस का मुद्दा नहीं हो सकता. राम जितने आपके हैं उतने हमारे हैं. प्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं है. 15 साल हुकूमत में थे तब राम याद नहीं आए, माता कौशल्या याद नहीं आई. हम उस राम की पूजा करते हैं तो शबरी के राम हैं, केंवट के राम हैं, वनवासियों के राम हैं. राम ना विवाद के और ना ही बहस का मुद्दा है.

चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 11 हजार गौठान बनाने का निर्णय लिया गया है. आठ हज़ार गौठान बन गए हैं. मुंगेली के बीजेपी के एक नेता ने 25 लाख रुपए का गोबर बेचा है. हो सकता है गौठान में कहीं कमियाँ होंगी. लेकिन एक बात समझ ले कि 19 लाख़ क्विंटल वर्मी कंपोस्ट हमने खेतों में पहुँचा दिया है. इसका असर एक साल बाद देखने को मिलेगा. बीजेपी विधायक विज्ञापन की चर्चा करते हैं, पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के आख़िरी साल में साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे. उनका भुगतान भी हमने किया है. दिल्ली से कभी पूछा है कि बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार.

उन्होंने कहा कि हम जब नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का ज़िक्र करते थे तब ये हंसते थे. गोबर ख़रीदी की बात करते थे तब ये हंसते थे लेकिन आज मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात सरकार ये काम करने जा रही है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में छत्तीसगढ़ के 31 लाख पंजीकृत किसान थे, जिन्हें सालाना छह हज़ार रुपए केंद्र सरकार देती है, उसमें भी हर साल संख्या में कटौती की जाती है. भूपेश सरकार ने खेतिहर मज़दूरों के लिए राजीव गांधी खेतीहर मज़दूरों के लिए भी योजना बनाई. हर साल सात हज़ार रुपए की राशि उन्हें दी जा रही है.

रविंद्र चौबे ने कहा कि हमारी सारी योजनाएँ व्यक्ति को मज़बूत करने की होती है. पहले माइग्रेशन गाँव से शहर की ओर से होता था जिस तारीख़ से क़र्ज़माफ़ी हुई, धान पर 2500 रुपए देना शुरू किया तब से शहरों से लोग गाँव की ओर जा रहे हैं. आवास योजना को लेकर टीएस सिंहदेव की चिट्ठी का आशय वह खुद सदन में आकर बताएँगे, लेकिन हर अधूरे आवास को पूरा करने का काम हमारी ज़िम्मेदारी है. पैसे की व्यवस्था हम करेंगे. छत्तीसगढ़ में हर कोई सरकार पर भरोसा जताता है इसलिए ही एक नारा चल रहा है, “ भूपेश है तो भरोसा है.”

ऐतिहासिक बहुमत के बाद क्या कर रही सरकार

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने कहा कि प्रदेश की जनता सरकार पर अविश्वास जाता रही है. जो उदय हुआ है उसका अंत होगा. ऐतिहासिक बहुमत मिलने के बाद भी सरकार क्या कर रही है. कर्ज लेने वाली सरकार है कांग्रेस की, विकास के लिए और कर्ज ले लीजिए. गरीबों को मिलने वाले अनाज पर भी सरकार ने भ्रष्टाचारी की है. सरकार ने प्रदेश को हिंसा का गढ़ समझ रखा है, क्या यही संस्कार है कांग्रेस के.

पूरा करना होगा शराबबंदी का वायदा

उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ कांग्रेस के नेता कहते है यहां भी प्रदर्शन हो. आयुष्मान भारत योजना को प्रदेश में तोड़-मरोड़ कर रखा गया. सरकार द्वारा 150 प्रकार की बीमारी इस योजना के तहत बंद कर दी गई. इसके बाद यूनिवर्सल हेल्थ योजना की बात आई क्या हुआ उसका. शराब बंदी के पक्ष में सत्ता पक्ष की महिला सदस्य है या नहीं. शराब बंदी के लिए कमेटी बनी पर अब तक कोई रिजल्ट नहीं. शराब का उद्देश्य शराब बंदी नहीं बल्कि शराब का अधिक विक्रय है. बहनों से यदि सरकार ने शराबबंदी का वादा किया है उसे पूरा करना होगा.