National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case) में सोनिया और राहुल (Sonia gandhi and Rahul gandhi) से पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने दिल्ली के हेराल्ड हाउस (National Herald Case) में छापा मारा. ED ने दस्तावेजों की तलाश में रेड की कार्रवाई की है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

CBI छापे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र की सरकार लगातार हमारी पार्टी को हमारे नेताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ करने के बाद नेशनल हेराल्ड मीडिया हाउस में छापा डाला है. आज नेशनल हेराल्ड में है, कल आप लोगों की बारी है.

बताया जा रहा है कि 10 जनपथ पर हुई बैठक के दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं. नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 10 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वहीं, टीम अकाउंट सेक्शन कांग्रेस से लोन वाली फाइल की तलाश की जा रही है.

वहीं राहुल गांधी ने इस छापेमारी से कुछ देर पहले एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें उन्होंने महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पोस्ट में कहा कि न हम डरेंगे और न ही डरेंगे. देश बेरोजगारी की महामारी से जूझ रहा है, करोड़ों परिवारों के पास स्थिर आय का कोई साधन नहीं बचा है, लेकिन सरकार एक ‘अभिमानी राजा’ की छवि चमकाने के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही है.

इससे पहले 27 जुलाई को ईडी ने सोनिया गांधी से करीब 11 घंटे तक पूछताछ की थी. यह पूछताछ 3 दिन तक चली. इस दौरान ईडी ने सोनिया से हेराल्ड से जुड़े 40 से ज्यादा सवाल पूछे थे. सोनिया से पहले ईडी भी राहुल गांधी से 50 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ कर चुकी है. हालांकि, कांग्रेस सोनिया गांधी और राहिल गांधी से पूछताछ का कड़ा विरोध कर रही है.

क्या है नेशनल हेराल्ड केस ?

नेशनल हेराल्ड एक समाचार पत्र है, जिसे पंडित नेहरू ने वर्ष 1938 में शुरू किया था. इसका स्वामित्व एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी एजीएल के पास था, लेकिन 2008 में 70 साल बाद नुकसान के कारण अखबार को बंद करना पड़ा. आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति से एजीएल को कांग्रेस के कोष से 90 करोड़ का कर्ज दिया गया.

बाद में सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया नाम की कंपनी बनाकर इस अखबार की संपत्ति अपने हाथ में ले ली. यंग इंडिया में सोनिया और राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस की भी हिस्सेदारी थी. दोनों मर गए. पूरे कथित सौदे पर सवाल उठाते हुए 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से एक याचिका दायर की गई थी.

2014 में सोनिया और राहुल (Sonia gandhi and Rahul gandhi) के खिलाफ कोर्ट से समन जारी किया गया था. इसके बाद ईडी इस मामले में जांच कर रही है. वहीं साल 2015 में दोनों नेताओं को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है. वहीं, साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों नेताओं को कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं होने की इजाजत दी, लेकिन केस बंद नहीं किया.

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