शेख आलम,रायगढ़. धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल वनपरिक्षेत्र में एक हाथी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत की घटना के बाद क्षेत्र में हड़कम्प मच गया है. किसान ने जैसे ही इस मृत हाथी को खेत में देखा, तो उसके होश उड़ गए. इसके बाद किसान ने आनन-फानन में वन महकमे को इसकी सूचना दी. सूचना पर वन विभाग अमला मोके पर पहुंचा और मामले की जांच शुरू की.

धरमजयगढ़ वन मण्डल के छाल वन परिक्षेत्र अंतर्गत बेहरामार में महेत्तर राठिया किसान के खेत के पास हाथी मृत अवस्था में पाया गया. शुरूआती जांच में माना जा रहा है कि किसान द्वारा खेत में ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाई गई है. इस फसल को कीटों के प्रकोप से बचाने के लिए किसान द्वारा यूरिया के साथ कीटनाशक दवा फोरेट का भी इस्तेमाल किया था. जो कि खेत के पानी में घुल गया था और अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी पानी को पीने के बाद हाथी की मौत हो गई होगी.

धरमजयगढ़ वन मण्डल में लगातार हाथियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. किसी न किसी कारण से यहां हाथियों की मौत हो रही है ​या फिर इन हाथियों की वजह से इंसानों की मौत हो रही है. यहां हाथियों व मानव के बीच द्वंद लगातार पिछले कई सालों से जारी है. यदि पिछले दो सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह 13 वें हाथी की मौत है.

बहरहाल हा​थी के शव को वन विभाग ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि हाथी की मौत किस कारण से हुई है.