रायपुर। अग्रवाल सभा की 28 अगस्त को होने वाली आमसभा को लेकर समाज के लोगों में उत्सुकता चरम पर है. लंबे समय से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का इंतजार कर रहे लोगों के लिए यह एक बहुत बड़ा अवसर है. सभा के जिम्मेदार सदस्य अध्यक्ष पद के लिए बंद कमरे में होने वाले फैसले सर्वसम्मति से आमसभा में चुनाव की बात कह रहे हैं. सदस्यों का मानना है कि समाज के भीतर के मसलों को कोर्ट में ले जाए जाने से समाज में केवल और केवल बंटवारा होगा, यह समाज के हित में नहीं है.

अध्यक्ष पद के दावेदार माने जा रहे अरुण सिंघानिया ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में समाज के मुद्दों को कोर्ट में ले जाए जाने पर आपत्ति जताते हैं. वे कहते हैं कि समाज के मसले समाज के ही भीतर तय होने चाहिए. अध्यक्ष पद के चुनाव पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अंत में समाज के मुखिया एकसाथ आपस में बैठकर बीच का रास्ता निकालते हुए सर्वसम्मति से चुनाव कराने की कोशिश करेंगे, और यह होना भी चाहिए. चुनाव से समाज का बंटवारा होता है. और समाज के हित में नहीं है.

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विजय अग्रवाल भी इस बात को स्वीकार करते हुए कहते हैं कि सर्वसम्मति से सभा के अध्यक्ष का चुनाव होना चाहिए. एक स्वस्थ परंपरा के साथ काम होता है तो किसी को क्या आपत्ति हो सकती है. वहीं मामले को कोर्ट में ले जाए जाने पर उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि समाज के मसले कोर्ट-कचहरी में नहीं जाने चाहिए. ऐसा नहीं होना चाहिए. स्वस्थ परंपरा के हिसाब से काम होना चाहिए.

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परोपकार के कार्य को हमेशा सभा ने आगे बढ़ाया

अग्रवाल सभा के सदस्यों का कहना है कि वर्ष 1963 में स्थापना के बाद से अग्रवाल सभा ने समाज के हितों को अच्छी तरह से समझते हुए उसे पूरा करने का काम किया. न केवल समाज की बल्कि आवश्यकता पड़ने पर आगे बढ़कर दूसरे समाज की मदद भी करता रहा है. कोरोना काल में नि:शुल्क शिविर का आयोजन कर सैकड़ों-हजारों लोगों की मदद की. यही नहीं सरकार को इस महामारी से जूझने में 51 लाख रुपए की मदद की.

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युवा समाज के कार्यों में चाहते हैं भागीदारी

सभा के सदस्यों का कहना है कि पिछले 19 साल से सभा में अध्यक्ष पद को लेकर एकाधिकार कायम करने का काम किया गया है. बंद कमरे में फैसले लेकर समाज के बाकी सदस्यों पर थोपा जा रहा है. आज समाज का युवा वरिष्ठजनों के कार्यों के प्रति पूरा आदर व्यक्त करते हुए समाज के कार्यों में योगदान देना चाहता है. इस दिशा में अध्यक्ष पद को चुनाव अहम माना जा रहा है.