अफगानिस्तान के काबुल की धरती एक बार फिर दहल उठी है. एक के बाद एक होते धमाकों की गूंज से राजधानी में सुनने को मिलते हैं. इस बार काबुल में मौजूद एक मस्जिद को निशाना बनाया गया है. नमाज के दौरान मस्जिद यहां 20 से 30 लोगों के मारे जाने की खबर मिल रही है. जबकि इस हमले में 40 लोग जख्मी बताए जा रहे हैं. चारो ओर पसरा मौत का ये मातम इसी बात की गवाही दे रहा है कि तालिबान की सत्ता में वापसी अफगानिस्तान की सरजमीं पर कितनी भारी पड़ रही है.

बता दें कि काबुल के इमरजेंसी हॉस्पिटल ने बताया है कि कुल 27 लोगों को वहां भर्ती कराया गया है. इसमें पांच बच्चे भी शामिल हैं. अभी पूरे इलाके को तालिबान के सिक्योरिटी गार्ड्स ने सील कर दिया है, फिलहाल घायलों को काबुल के अलग-अलग हॉस्पिटल में पहुंचाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, काबुल शहर के सर-ए-कोटल खैरखाना में यह बम धमाका हुआ. काबुल के सिक्योरिटी डिपार्टमेंट खालिद जरदान ने इस ब्लास्ट की पुष्टि की है.

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ये धमाका मगरिब की नमाज के वक्त हुआ, जिसमें मस्जिद के इमाम अमीर मोहम्मद काबुली भी मारे गए. हालांकि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद तालिबान के प्रतिद्धंदी IS ने पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में हमले तेज कर दिए है और इस हमले के पीछे भी उसी आकतंकी संगठन के होने का शक है.

फिलहाल किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन बीते कई महीनों में ऐसे कई हमले हुए हैं, जिनमें मस्जिदों को ही निशाना बनाया गया. लेकिन इस हमले में एक नई बात भी है. अबतक शिया मस्जिदों को आतंकी संगठन आईएस द्वारा निशाना बनाया जा रहा था. लेकिन आज जिस इलाके में यह ब्लास्ट हुआ है वहां शिया आबादी नहीं रहती है.

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बता दें कि काबुल में फिलहाल तालिबान की सरकार है. बीते दिनों ही वहां तालिबान की सरकार को एक साल पूरा हुआ है. अशरफ गनी की सरकार को सत्ता से हटाकर तालिबान ने वहां कब्जा किया था. तालिबान में बीते कुछ महीनों में बम धमाकों की कई वारदातें हुई हैं. बीते दिनों भी काबुल की एक मस्जिद में धमाका हुआ था, जिसमें 8 लोगों की मौत हुई थी. इससे पहले अफगानिस्तान में मौजूद गुरुद्वारों को भी निशाना बनाया गया था.