आकाश श्रीवास्तव, नीमच। जिले में एक गौपालक और गौभक्त का अनूठा प्रेम देखने को मिला है। गौसेवा का यह मामला जिले के गांव भादवा माता का हैं। गांव के रमेश गुर्जर ने अपनी गाय की मौत के बाद 4 दिनों तक शोक मनाया। इतना ही नहीं उनके द्वारा गाय का पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गौमाता को मोक्ष मिले इस कामना से 11 सौ ब्राह्मण परिवार को मृत्यु भोज भी कराया।

दरसल नरेश गुर्जर द्वारा वर्ष 2008 में गाय कि छोटी बछिया को खरीदा था। जिसे घर वालों ने प्यार से गौरी नाम दिया था। गौरी ने 14 साल तक गुर्जर परिवार का पालन पोषण किया गया। परिवार ने भी गौरी की देखरेख एक परिवार के सदस्य की तरह ही की। पिछले बुधवार को वृद्धावस्था और बीमारी के चलते गौरी की मौत हो गई। इस दौरान परिवार ने गौरी का खूब इलाज भी करवाया पर बचा न सके। गौरी की मौत से परिवार में मातम छा गया। बाद में गुर्जर परिवार ने गौरी का विधि विधान से अपनी जमीन पर अंतिम संस्कार कर दफनाया। 4 दिन का शोक भी रखा और सभी कामों से दूरियां बनाई।

शनिवार को गुर्जर द्वारा वेद पाठी ब्राह्मणों से गाय की आत्म की शांति के लिए पूजा पाठ करवाकर 11 सौ से अधिक ब्राह्मण परिवार के लोगों का ब्रह्मभोज करवाया।गोपालक नरेश गुर्जर का कहना है कि आयोजन के माध्यम से यही संदेश देना चाहते हैं कि गौमाता हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है। इन्हें आवारा सड़कों पर ना छोड़े। उसका पालन पोषण और सम्मान करें। अधिक से अधिक लोग गौमाता से जुड़े और गायों के प्रति प्रेम दिखाए।

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