राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के सभागार में कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर पर “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया. जिसमें केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत तमाम नेता शामिल हुए. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन के कार्यों को लेकर तारीफ की.

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अपने उद्बोधन में अमित शाह ने कहा कि रास्ते को जानना और उसी रास्ते पर चलना बड़ी बात होती है. कुशाभाऊ ठाकरे ऐसे ही नेता थे. कुशाभाऊ ठाकरे भारतीय जनता पार्टी की यूनिवर्सिटी थे. उन्होंने कहा कि जब जब नई शिक्षा नीति तब तब विवाद हुआ है. इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का किसी ने विरोध नहीं किया. शिक्षा का मतलब सिर्फ रोजगार देना नहीं है. सिर्फ क्लर्क बनाना शिक्षा का उद्देश्य नहीं है. मनुष्य बनाना शिक्षा का मकसद है. ज्ञान विज्ञान और शिक्षा में समस्त ब्रह्मांड को जानने की शक्ति है.

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नई शिक्षा नीति मानव को बनाएगी महामानव- शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीयता की घोषणा है. आज तक किसी भी शिक्षा नीति में राष्ट्र की स्वाभाषा को प्राथमिकता नहीं दी गई. प्राथमिक शिक्षा ऐसी हो जिससे बच्चा स्वतंत्र नागरिक बन सके. नई शिक्षा नीति विश्व को दिशा देगी. नई शिक्षा नीति मानव को महामानव बनाएगी. पहले की शिक्षा नीति हमारी मूल भावना से अलग थी. भाषा क्षमता की परिचायक नहीं है. भाषा में लचीलापन का प्रावधान भी नई शिक्षा नीति में किया गया है. राष्ट्रीय परीक्षाओं का पैटर्न एक जैसा होगा.

अनुसंधान पर जोर दिया गया है. नई शिक्षा नीति से पहले भी हमने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं. अगले पांच साल में अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में भारत के संस्थान अव्वल नंबर पर रहेंगे. अंग्रेजी न आना भी बाधा है. जिला कोर्ट का अच्छे से अच्छा वकील भी अंग्रेजी न आने से हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लड़खड़ा जाता है. राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं भी अलग-अलग भाषाओं में भी आयोजित होंगी. महान भारत का बीज नई शिक्षा नीति से बोया जा रहा है. 20 साल बाद ये वटवृक्ष बनकर भारत को पोषित करेगा.

जो मुक्त करे दोनों लोक में वो शिक्षा- सीएम शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि जो मुक्त करे दोनों लोक में वो शिक्षा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भी यही अवधारणा है. कुशाभाऊ ठाकरे जी का भाषण नहीं बोलता था. उनका आचरण बोलता था. कार्यकताओं को उनका आचरण सिखाने की प्रेरणा दी गई है. प्रधानमंत्री ने कहा था मातृभाषा में शिक्षा दें. मप्र देश का पहला राज्य है, जहां हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई होगी. मप्र में कोई भी बच्चा शाला त्यागी न रहे. स्कूल बच्चे तक और बच्चा स्कूल तक पहुंचे.

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