शिवसेना पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को फिर सुनवाई हुई. CJI एनवी रमना, जस्टिस कृष्णा मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना बनाम उद्धव ठाकरे की शिवसेना केस को संविधान पीठ को भेज दिया है. तीन जजों की बेंच ने 8 सवाल तैयार किए हैं, जिसके आधार पर संविधान फैसला करेगी कि शिवसेना किसकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह पार्टी सिंबल विवाद पर गुरुवार तक फैसला न लें. पांच जजों की बेंच इस मामले पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि हमारे ऊपर अयोग्यता का गलत आरोप लगाया गया है. हम अभी भी शिव सैनिक हैं.
उधर, सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि शिंदे गुट में जाने वाले विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से तभी बच सकते हैं, अगर वो अलग हुए गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय कर देते हैं. उन्होंने कहा था कि उनके बचाव का कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
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