रायपुर. किसान परिवारों को वित्तीय सहायता देने के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना‘ (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) दिसंबर, 2018 से शुरू की गई है. योजनांतर्गत पात्र किसानों को हर साल 6 हजार रुपये, दो-दो हजार की तीन किस्तों में दिया जाता है. योजनांतर्गत सभी वर्ग और श्रेणी के किसानों को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है. अब तक छत्तीसगढ़ के 40 लाख 65 हजार 778 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है, जिसमें 2 लाख 39 हजार 315 वनाधिकार पट्टाधारी किसान भी सम्मिलित हैं. योजनान्तर्गत अब तक कुल 37 लाख 70 हजार 06 किसान लाभान्वित हुए हैं.
ई-केवाईसी (e-KYC) के लिए छत्तीसगढ़ को 29 लाख 05 हजार 193 आधार सत्यापित किसानों का लक्ष्य मिला था. जिसके लिए 24 लाख 18 हजार 378 किसानों का ई-केवाईसी (e-KYC) किया जा चुका है. जो लक्ष्य का लगभग 83 प्रतिशत है. प्रदेश के 4 लाख 86 हजार 815 किसानों का ई-केवाईसी बचा है. जिसके लिए विभाग का मैदानी अमला सतत् प्रयासरत है. इसके लिए ग्राम स्तर पर चौपाल लगाए जा रहे हैं. साथ ही कॉमन सर्विस सेंटर के साथ मिलकर कैंप भी आयोजित किये जा रहे हैं. इसके अलावा आवश्यक होने पर किसानों के घर तक पहुंच कर ई-केवाईसी (e-KYC) कराया जा रहा है. इस प्रकार तरह जल्द ही लंबित किसानों का ई-केवाईसी (e-KYC) भी पूरा किए जाने की संभावना है.
e-KYC का काम जारी रखने का अनुरोध
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 4 लाख 86 हजार 815 किसानों का ई-केवाईसी लंबित है. अतः ई-केवाईसी (e-KYC) का कार्य 31 अगस्त के उपरांत भी जारी रखने का अनुरोध है, ताकि पात्र किसान योजना के लाभ से वंचित न हो सकें. पोर्टल पर ई-केवाईसी के लिए लंबित किसानों की संख्या और उपलब्ध सूची में लगातार भिन्नता देखी जा रही है. सूची में ई-केवाईसी करा चुके किसानों का भी नाम शामिल है. जिस संबंध में प्रदेश के अधिकारियों की ओर से पहले की बैठकों में अवगत कराया गया है. इसके निराकरण के लिए प्रदेश की ओर से दो सुझाव भी दिए गए है, जिसमें पहला सुझाव पोर्टल पर ई-केवाईसी लंबित किसानों की सूची के साथ ई-केवाईसी करा चुके किसानों की सूची भी उपलब्ध कराने कहा गया है.
ई-केवाईसी की स्थिति भी प्रदर्शित करने का सुझाव
वहीं पोर्टल पर हर किसान के स्टेटस पर ई-केवाईसी की स्थिति भी प्रदर्शित करने का सुझाव दिया गया है. इससे लक्षित किसान का चिन्हांकन ज्यादा सरल और प्रभावकारी होगा. वर्तमान में योजना के पोर्टल से राज्यों के भू-अभिलेखों का एकीकरण किया जा रहा है. प्रदेश में राजस्व विभाग की ओर से भूईयां पोर्टल पर भू-अभिलेख की जानकारी डिजिटल स्वरूप में संधारित है, जिसका एकीकरण प्रक्रियाधीन है. प्रदेश के लगभग 4 लाख 45 हजार वन अधिकार पट्टाधारी किसानों में से लगभग 2 लाख 39 हजार 315 किसान योजना अंतर्गत लाभान्वित हो रहे हैं, जिनका विवरण डिजिटल स्वरूप में संधारित नहीं होने के कारण उक्त कार्य में समस्या आने की संभावना है. अतः इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लिए जाने का अनुरोध किया गया है.
भू-अभिलेख का कार्य किया जा रहा
पीएम किसान पोर्टल के साथ भू-अभिलेख एकीकरण का कार्य किया जा रहा है. भू-अभिलेख एकीकरण के अंतर्गत पोर्टल पर लगभग 38 लाख 85 हजार डेटा अपलोड किया गया था, जिसमें से लगभग 13 लाख 60 हजार किसानों की प्रविष्टि को भारत सरकार की ओर से स्वीकृत किया गया और बाकी को अस्वीकृत किया गया है. अस्वीकृत किए गए डेटा की जानकारी तकनीकी कारणों से डाउनलोड नहीं हो पा रही है. छत्तीसगढ़ के कुल पंजीकृत किसानों में से 8 लाख 83 हजार 506 किसान अपात्र पाए गए हैं, जिन्होंने योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त किया है. इनमें से 32 हजार 645 किसान आयकर दाता होने के कारण और 8 लाख 50 हजार 861 किसान अन्य कारणों से (जैसे – वास्तविक भूमि धारक नहीं होना, परिवार के एक से अधिक सदस्यों का पंजीयन होना, सरकारी कर्मचारी होना आदि) अपात्र के रूप में चिन्हित किये गए हैं. ऐसे अपात्र किसानों से लगभग 637 करोड़ रुपये की राशि वसूल किया जाना है, जिसमें से अब तक मात्र दो करोड़ की राशि वसूल की जा सकी है.
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