शब्बीर अहमद, भोपाल। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (pradhanmantri matru vandana yojana)में MP देश में नंबर-1 बना है। अगस्त महीने तक 2 लाख 26 हजार 306 हितग्राहियों ने योजना का लाभ उठाया है। लाभार्थियों को 1294 करोड़ की राशि बांटी गई। ये लागातर चौथी बार है, जब प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में नंबर-1 पर रहा है। महिला बाल विकास की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कुपोषण (malnutrition) समाप्ति के प्रयासों में सफलता के लिए अधिकारियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अमल में मध्यप्रदेश 30 लाख से अधिक हितग्राहियों के पंजीयन, 1294 करोड़ की राशि वितरण और वर्तमान वित्त वर्ष में अगस्त माह तक 2 लाख 26 हजार 306 हितग्राहियों को लाभान्वित कर देश में अव्वल है। मुख्यमंत्री ने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए महिला बाल विकास विभाग को बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश लगातार चौथे साल इस योजना में साल 2021-22 के लिए राष्ट्रीय स्थान पर प्रथम स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग किए गए नवाचारों और उपलब्धियों की ब्रांडिंग कर जनता तक इन कार्यों का संदेश पहुंचाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह जन्म-दिवस और विवाह वर्षगांठ पर पौधा लगाने का आव्हान किया गया है। उसी तरह आँगनवाड़ी केंद्र में जा कर बच्चों के साथ मिष्ठान वितरण और भोजन ग्रहण करने का कार्य नागरिक बंधु कर सकते हैं। इसके लिए विभाग की ओर से भी प्रयास किए जाएं। बैठक में ‘एडॉप्ट एन आंगनबाड़ी’ की समीक्षा के दौरान बताया गया कि मुख्यमंत्री की पहल पर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए प्रदेश में खिलौने, अन्य सामग्री सहित 25 करोड़ का जन-सहयोग मिला है। अधो-संरचना के कार्यों की पहल हुई है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए आउटडोर खेल सामग्री झूला और फिसलपट्टी मिला है। डेढ़ हजार से अधिक केंद्र का आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में उन्नयन किया गया है। बच्चों के लिए जूते-चप्पल और स्वच्छता किट का भी प्रदाय हुआ है।
योजना में लगभग 80 लाख आवेदनों की मंजूरी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रथम प्रसव की पात्र गर्भवती महिला और धात्री माता को 5 हजार रूपए की राशि और द्वितीय प्रसव में बालिका के जन्म पर शिशुवती माता को 6 हजार रूपए की राशि दिलवाने का कार्य प्राथमिकता से किया गया है। योजना में लगभग 80 लाख आवेदनों की मंजूरी एक उपलब्धि है। इसी प्रकार कम वजन वाले बच्चों का कुपोषण कम करने के प्रयासों में भी मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है।
पोषण की स्थिति में सुधार में भी मध्यप्रदेश आगे
मुख्यमंत्री ने पोषण के क्षेत्र में जन-सहयोग से मिल रही सफलताओं पर प्रसन्न्ता व्यक्त की और महिला एवं बाल विकास विभाग को अच्छे प्रयासों के लिए बधाई दी। प्रदेश में सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 में 6 माह से तीन साल आयुवर्ग के 30 लाख बच्चे पूरक पोषण आहार का लाभ ले चुके हैं। इसी तरह 10 लाख 81 हजार गर्भवती और धात्री माताएं भी लाभान्वित हो चुकी है। प्रदेश में टेक होम राशन का लाभ 38 लाख से अधिक हितग्राही ले चुके हैं। वर्तमान में पोषण ट्रैकर पर 71 लाख 20 हजार हितग्राहियों का आधार सत्यापन भी पूरा हो चुका है। प्रदेश में 13 संयंत्रों से टेक होम राशन उत्पादन का कार्य हो रहा है। नाश्ता एवं गर्म पका भोजन ग्रामीण क्षेत्रों में 50 हजार से अधिक सांझा चूल्हा समूहों की ओर से किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी 2 हजार से अधिक समूह यह कार्य कर रहे हैं। मंडला और डिंडौरी जिलों में सप्ताह में एक दिन मोटा अनाज दिया जा रहा हैं। कोदो-कुटकी आधारित नाश्ता प्रदाय करने की व्यवस्था इन जिलों में की गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण मटका से प्राप्त अनाजों से रूचिकर पकवान तैयार कर पोषण कॉर्नर के रूप में बच्चों के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं। प्रदेश के 85 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रो में पोषण कॉर्नर स्थापित हुए हैं। साथ ही पोषण वाटिकाएँ भी निर्मित की गई है।
कम वजन के बच्चों की संख्या में 9.8 प्रतिशत की गिरावट
प्रदेश में कम वजन के बच्चों का कुपोषण दूर करने, दुबलेपन और ठिगनेपन जैसे लक्षणों से बच्चों को बचाने की दिशा में मध्यप्रदेश देश के श्रेष्ठ कार्य करने वाले राज्यों में शामिल है। जहां कम वजन के बच्चों को सहायता पहुंचाने के मामले में प्रदेश राष्ट्रीय रैंकिंग में दूसरे क्रम पर, दुबलेपन के कारण कम वजन की समस्या के समाधान में तीसरे क्रम पर और ठिगनेपन के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण की दृष्टि से राष्ट्रीय रैंकिंग में छठवें क्रम पर है। मुख्यमंत्रीचौहान ने इस क्षेत्र में प्रगति के लिए विभाग को बधाई दी। कम वजन के बच्चों की संख्या में जहां देश में 3.7 प्रतिशत की गिरावट हुई है वहीं प्रदेश में यह गिरावट सर्वाधिक 9.8 प्रतिशत दर्ज हुई है। इसी तरह दुबलेपन के कारण कुपोषण की समस्या में देश में 1.7 प्रतिशत की कमी लाई गई है। वहीं मध्यप्रदेश में 6.8 प्रतिशत कमी लाने में सफलता मिली है। ठिगनेपन के मामलों में भी देश में 3 प्रतिशत की कमी के मुकाबले मध्ययप्रदेश में 6.3 की कमी लाने में सफलता मिली है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक