हेमंत शर्मा, इंदौर। शहर में कोरोना संक्रमण काल के बाद जन सुनवाई का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। इंदौर में पुलिस की जन सुनवाई में अलग ही नजारा देखने को मिला। जन सुनवाई में आवेदक तो अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे किंतु संबंधित क्षेत्र के अन्य अधिकारी नहीं पहुंचे थे। पुलिस के एडिशनल सीपी राजेश हिंगणकर के अलावा कोई भी अधिकारी जनसुनवाई में मौजूद नहीं रहा। जन सुनवाई में अधिकारियों के लिए लगी कुर्सियां खाली रही।
जनसुनवाई में महिला थाना, क्राइम, डीसीपी जैसे आला अधिकारियों की मौजूदगी आवश्यक होती है, जिससे शिकायतकर्ता का निराकरण जल्द हो सके। आज इंदौर पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित जनसुनवाई में पुलिस के कई अधिकारियों के नदारद होने से एडिशनल सीपी राजेश हिंगणकर ने भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अधिकारियों को जनसुनवाई में पहुंचने के लिए सूचना करवाई।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आधार कार्ड लोन के नाम पर महिला से ठगी
इंदौर में लोन की धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मंगलवार को जनसुनवाई में ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आधार लोन दिलाने के नाम पर महिला से 18 हजार ठग लिए ठगों ने। महिंद्रा फाइनेंस के नाम से फर्जी लोन सर्टिफिकेट बनाकर महिला को भेजा और लोन का बीमा कराने के नाम पर पहले 7320 रुपए अकाउंट में जमा करवाएं। इसके बाद महिला से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे आरोपी अकाउंट में डलवाते रहे। ठगों ने महिला को लोन एग्रीमेंट भी भेजा, जो कि 100 रुपये के स्टांप पर राजस्थान कोर्ट से बनवाया गया था। इसके बाद लोन को होल्ड करने के नाम पर फिर महिला से पैसों की मांग की गई। महिला द्वारा ठगी करने वालों के अकाउंट पर 18 हजार का ट्रांजेक्शन कर दिया गया। लोन की राशि अकाउंट में ना आने के बाद महिला ने पूरे मामले की शिकायत जनसुनवाई में की। वरिष्ठ अधिकारी ने जनसुनवाई में पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इंदौर क्राइम ब्रांच को जांच के निर्देश दिए।
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